डिस्काउंट को लेकर असमंजस भी दूर किया गया है। जीएसटी में डिस्काउंट को लेकर दो अलग-अलग सर्कुलर जारी कर दिए गए थे, क्योंकि एक व्यापारी द्वारा सप्लायर से प्राप्त डिस्काउंट पर जीएसटी के दायित्व को लेकर विरोधाभास था। जून में जारी सर्कुलर निरस्त कर दिया गया। इससे पूर्व की स्थिति जारी रहेगी। दोहरे नियम नहीं रहेंगे। पिछली बैठक में जीएसटी की नई रिटर्न व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू होना थी। इसे 1 अप्रैल 2020 कर दिया गया।
पिछले दिनों इंदौर से ही देशभर के कारोबारियों ने जीएसटी आर-९ए की अनिवार्यता पर सवाल उठाकर इसे स्थगित करने की मांग की थी। एेसा नहीं करने पर जंतर-मंतर पर धरना देने की चेतावनी दी थी। दरअसल, सरकार द्वारा प्रक्रियाओं में किए जा रहे बदलावों और तय प्रक्रिया का पालन करने में आ रही है।
एक ही अफसर के आदेश से होगा रिफंड नई व्यवस्था में रिफंड की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। रिफंड आवेदन रिजेक्ट होने पर अपील का प्रावधान लाया गया है। एसजीएसटी व सीजीएसटी रिफंड के लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाना होंगे। बदलाव के बाद अब अब पूरी राशि एक करके दोनों का आदेश एक ही एजेंसी करेगी। रिफंड के लिए पेश आवेदन के साथ आधार अनिवार्य करने के लिए भी परिपत्र जारी हो रहा है। इसी तरह कारोबारी रिफंड के लिए लागू नहीं का विकल्प चुन लेते थे। बाद में पता चलता इसमें रिफंड लेना है। नए प्रावधान के अनुसार एेसा करने पर अवसर समाप्त नहीं होगा।
धांधली पर लगेगी रोक देशभर में जीएसटी की धांधलियों को देखते हुए इस पर रोक के लिए नए करदाताओं तथा निर्यातकों के संबंध में पहचान करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था तैयार होगी।
संजीवनी मिलेगी वरिष्ठ जीएसटी विशेषज्ञ सीए सुनील जैन के अनुसार इन निर्णय से कारोबारियों को काफी राहत रहेगी। जॉब वर्क पर जीएसटी कम करने से लागत में कमी आएगी। बंद हो रहे कामकाज को संजीवनी मिलेगी।