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इंदौर

रेसीडेंसी का बंगला नंबर- 57 हार गई सरकार, 1 लाख जुर्माना और अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई के आदेश

नागपुर डायोसिस ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती, हाईकोर्ट ने कहा, अफसरों ने सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किए, झूठा शपथ पत्र दिया, 4.21 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत करोड़ों रुपए, फिलहाल रहेगी चर्च के पास

इंदौरNov 21, 2019 / 01:42 am

Mohan Mishra

रेसीडेंसी का बंगला नंबर- 57 हार गई सरकार, 1 लाख जुर्माना और अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई के आदेश

रेसीडेंसी का बंगला नंबर- 57 हार गई सरकार, 1 लाख जुर्माना और अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई के आदेश

इंदौर. रेसीडेंसी क्षेत्र का बहुचर्चित बंगला नंबर 57 की जमीन प्रशासन हाईकोर्ट में हार गया। जस्टिस एससी शर्मा द्वारा पारित आदेश में कोर्ट को गुमराह करने के लिए प्रशासन पर 1 लाख रुपए का हर्जाना लगाया गया है। साथ ही रजिस्ट्रार, अपर कलेक्टर व प्रभारी अधिकारी एसडीएम पर आपराधिक अवमानना की कार्रवाई के लिए नोटिस जारी करने करने के निर्देश दिए हैं। करीब 2 साल पहले प्रशासन ने इस जमीन को सरकारी घोषित करने के आदेश दिए थे। इसी आदेश को नागपुर डायोसिस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट जस्टिस एससी शर्मा ने सुनवाई के दौरान ओआईसी द्वारा प्रस्तुत जानकारियों को गुमराह करने वाली माना। कोर्ट ने प्रशासन के तर्कों को खारिज करते हुए जमीन चर्च के आधिपत्य की ही माना है। प्रशासन के अफसर अपना दावा साबित नहीं कर सकें। याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर कहा, यह जमीन प्रशासन ने लीज पर नहीं दी हैं। चर्च का कहना था, यह जमीन अंग्रेजों द्वारा दी गई थी। वहीं प्रशासन का कहना था, यह जमीन यूनाईटेड चर्च ऑफ केनेडियन मिशन से अलग हैं।
यह है मामला
रेसीडेंसी एरिया में मिशनरीज को शैक्षणिक, स्वास्थ्य व अन्य गतिविधियां संचालित करने के लिए अंग्रेजों के समय जमीनों का आवंटन किया गया था। चर्च का कहना था, यह जमीन भी इसमें शामिल है। इसके लिए पहले मिशनरी के बीच ही विवाद चलता रहा। बोर्ड ऑफ रेवेन्यु के आदेश पर मामला अपर कलेक्टर की कोर्ट में पहुंचा, जहां 30 जनवरी 2017 को एक आदेश पारित करते हुए जमीन को सरकारी घोषित कर दिया गया। प्रशासन कहना है, यह जमीन 1947 में लीज पर दी गई थी। 1957 में इसकी लीज समाप्त हो गई। इसके बाद लीज नवीनीकरण नहीं किया गया। जबकि चर्च का कहना रहा, हमारी सभी जमीनों की लीज 2044 तक वैध है। यह जमीन भी उसी का हिस्सा है। प्रशासन के निरस्ती आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। जिस पर फैसला आया।
परीक्षण करवा रहे हैं
हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं। इसका परीक्षण करवाने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
लोकेश जाटव, कलेक्टर

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