नदी किनारे कई जगह अतिक्रमण होने के साथ बस्तियां बसी हुई हैं। इनके कारण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हो रहे डेवलपमेंट के कामों में बाधा आ रही है, जिन्हें हटाने की प्लानिंग निगम ने शुरू कर दी है। इसके तहत नदी किनारे से 1800 परिवार हटाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लिंबोदी, बुढ़ानिया और सनावदिया में सहित अन्य स्थानों पर बन रहे फ्लैटों में शिफ्ट करेंगे। इसको लेकर निगम ने सर्वे कर लिया है। पहले चरण में कान्ह नदी किनारे जवाहर मार्ग से चंद्रभागा पुल तक दोनों साइड के परिवारों को शिफ्ट किया जाएगा, जिन्हें लिंबोदी और बुढ़ानिया में फ्लैट दिए जाएंगे।
लिंबोदी में निगम ने 348 फ्लैट बनाए हैं, जिसमें से 145 फ्लैट आजाद नगर के लोगों को दिए हैं, जो कि कान्ह नदी किनारे रहने के साथ सीवर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण करने में बाधित थे। बुढ़ानिया में 696 फ्लैट का निर्माण किया है। इनमें जवाहर मार्ग से चंद्रभागा पुल तक के लोगों को शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्टिंग से पहले मूलभूत सुविधा पानी, ड्रेनेज, सड़क, लाइट और उद्यान आदि काम करने के आदेश प्रधानमंत्री आवास योजना के अफसरों को निगमायुक्त ने जारी किए हैं। इन कामों को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अफसरों का कहना है कि इन कामों को करने के साथ कान्ह-सरस्वती नदी किनारे रहने वाले परिवारों को नवंबर महीने से शिफ्ट करना शुरू कर दिया जाएगा। मालूम हो की रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के तहत निगम मुख्यालय के सामने बने मार्केट की दुकानों को भी तोड़ा जाएगा और दुकानदारों को नंदलालपुरा बने मार्केट या फिर जवाहर मार्ग पर बन रहे कला संकुल में दुकान दी जाएगी।
निगम लोगों से लेगा दो लाख
कान्ह-सरस्वती नदी किनारे रहने वाले जिन परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना में फ्लैट दिया जाएगा, उनसे निगम दो लाख रुपए लेगा। व्यवस्थापन के रूप में यह राशि ली जाएगी। यूं तो एक फ्लैट की कीमत सात से साढ़े सात लाख रुपए है।
एक माह में पूरे करना काम
इधर, रिवरफ्रंट साइड के शेष रहे कार्य जिसमें रेलिंग लगाना, ब्लॉक लगाना, पौधारोपण और लैंड स्कैपिंग के साथ अन्य सौंदर्यीकरण के काम एक माह में पूरे करने के आदेश जिम्मेदार अफसरों को दिए गए हैं।