ऋतुचक्र के बदलाव का यह दौर मई के अंतिम सप्ताह में आता है। इसके बाद वर्षाकाल शुरू होता है। नौतपा के समय सूर्य-धरती के बीच की दूरी कम होने और किरणें सीधी गिरने से वातावरण की तपन तीखी हो जाती है। तापमान भी बढ़ता है। पंडित गुलशन अग्रवाल के अनुसार, सूर्य 25 मई को रात्रि 8.24 बजे रोहिणी नक्षत्र में आएंगे। यह 8 जून तक रहेंगे। इनके तीन चरण यानी नौ दिन भीषण गर्मी लिए होते हैं, इसलिए इन दिनों को नौतपा कहा जाता है।
वैज्ञानिक सरोकार भी वैज्ञानिकों के अनुसार, नौतपा में सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आने से तापमान बढ़ता है। इससे मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। चूंकि समुद्र उच्च दबाव वाला क्षेत्र होता है, इसलिए हवाओं का यह रुख अच्छी बारिश का संकेत देता है।
पिछले वर्षों में रही राहत बीते दो सालों के नौतपा में सूरज के तेवर सामान्य रहे हैं। पिछले साल 43 डिग्री पार गया था। इस बार भी यही रहने की संभावना है। ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्रमा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आद्र्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में होना नौतपा है। इस बार सूर्य, मंगल और शनि के बीच समसप्तक योग तेज गर्मी के संकेत दे रहे हैं। रोहिणी में बारिश होने को रोहिणी गलना भी कहा जाता है।
बीते दो साल में नौतपा की तपन दिन —– 2018 —– 2017
25 मई —–42 —–42.5
26 मई —–42.5—–41.6
27 मई —–42.7—–41.8
28 मई —–43.2 —–39.5
29 मई —–41.7—–37.4
30 मई —–41.1—–36.6
31 मई —–41.1—– 40.0
1 जून —–41.4—–37.5
2 जून —–40.3—–39.4
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)