नाई की सामान्य दुकान की बात करें तो शहर में उसकी संख्या करीब 5 हजार है । बड़े ब्राइड्स -ब्यूटी पार्लर सैलून की करीब 1200 के आसपास दुकानें यहां पर हैं। प्रतिदिन औसत 32 से 35 लाख रुपए का काम होता है। छोटी से छोटी नाई की दुकान में 2 से 3 हजार का काम हर दिन होता है और बड़े-बड़े ब्राइट्स के शोरूम प्रतिदिन 25 से 30 हजार तक का काम करते हैं।
स्थिति काफी खराब
नाई की दुकान में काम करने वालों की हालत तो रोज कमाने खाने वालों की तरह होती है। लगातार दुकान बंद होने से इनकी स्थिति काफी खराब है। अन्य कारोबारियों की तरह अब नाई की दुकान सैलून और ब्यूटी पार्लर संचालकों ने भी सरकार से मदद की गुहार लगाई है। इंदौर बारबार एसोसिएशन ने स्थानीय प्रशासन सांसद शंकर लालवानी के साथ ही मुख्यमंत्री से भी मदद के लिए कहा है।
योजनाओं का लाभ दिया जाए
इंदौर बारबार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश जैन का कहना है संकट में इस कारोबार के लिए प्रदेश सरकार को आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। दुकानों में काम करने वालों का बीमा और सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जाए। ग्रीन जिलो की तरह यहां भी दुकान खोलने की अनुमति मिले। इस कारोबार से जुड़े कर्मचारियों को सरकार केशशिल्पी के रूप में रजिस्टर्ड करें और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए।