संजू की मां जो घायल है वह भी प्रत्यक्षदर्शी है। कानूनविदों का कहना है कि मामले में अगर ढील-पोल न बरती जाए तो आरोपितों को सजा तय है। गौरतलब है कि संजय टिपानिया को गांधी नगर पुलिस चोरी के मामले में गिरफ्तार करके लाई थी। उसकी तबियत बिगडऩे के बाद मंगलवार शाम को पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई। मामले में थाने की टीआई नीता देअरवाल समेत चार आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। गुस्साए लोगों ने कल जमकर हंगामा किया और थाने का घेराव कर दिया था। नाराज लोगों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की। लोगों का गुस्सा देखते हुए थाने पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। बार-बार समझाइश के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और लेागों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। उधर, न्यायिक जांच शुरू हो जाने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूरे मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। वहीं फरियादी पक्ष का आरोप है कि आरोपित थाना प्रभारी प्रभावशाली है इसलिए जांच निष्पक्ष की जाए।
– पन्नालाल की बहू है थाना प्रभारी
मिली जानकारी के अनुसार गांधी नगर थाना प्रभारी नीता देअरवाल पर मारपीट के आरोप लगाए गए हैं। देअरवाल रिटायर्ड एडीजी पन्नालाल की बहू हैं। पन्नालाल इंदौर में एसपी भी रह चुके हैं और दबंग अफसरों में उनका नाम शुमार होता था। वे जहां-जहां पदस्थ रहे अपराधी उनके नाम से खौफ खाते थे। नीता देअरवाल की बहन भी अनिता देअरवाल भी शहर के महिला थाना की प्रभारी हैं। उधर, आज डॉक्टरों द्वारा न्यायालय को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपी जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मारपीट के दौरान कई बार बीपी कम होने से धड़कनें बंद हो जाती हैं। वहीं कार्डिएक अटैक आने की संभावना भी रहती है। थाने में हुई मारपीट और फिर चोटों के निशान से कार्डिएक अटैक आना और बीपी कम हो सकता है। पिछले दिनों बेटमा में एक नव विवाहिता के मामले में ही मामले में पुलिस ने पति पर प्रकरण दर्ज किया था जिसमें उसके साथ मारपीट से उसका बीपी कम हो गया और उसकी धड़कने बंद होने से मौत हो गई थी।