एडवोकेट महेंद्र मोर्य के मुताबिक, मामला एरोड्रम थाना क्षेत्र में रहने वाली निर्मला मोर्य का है। १९ अगस्त २०११ को उन्होंने अजाक थाने में अपने पड़ोस में रहने वाले बैंककर्मी प्रकाश शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। आरोप था प्रकाश ने दोपहर करीब १२ बजे उनके घर आकर मारपीट की, अपशब्द और जातिसूचक शब्द कहे थे। पुलिस ने प्रकाश के खिलाफ भादवि की धारा ३२३, २९४ और एससी-एसटी एक्ट की धारा ३(१)(११) के तहत केस दर्ज कर चालान पेश किया था। हालांकि प्रकाश को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। ६ साल केस चलने के बाद २८ अगस्त २०१७ को सभी आरोप झूठे साबित हुए और कोर्ट ने प्रकाश को दोषमुक्त कर दिया था।