हजारों रुपए वेतन लेने वाले अफसर चकाचक कमरों में आराम फरमा रहे हैं और बच्चे जिन्हें बमुश्किल स्कूल नसीब हुआ है विपरीत परिस्थितियों में अपना भविष्य संवार रहे हैं। ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग के अफसर इससे बेखबर हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
स्कूल अपनी दुर्दशा बयां कर रहा है। यहां 34 विद्यार्थी और दो शिक्षक हंैं। मंगलवार को करीब 20 बच्चे मौजूद थे और एक महिला शिक्षक गायब थीं। संस्था प्रभारी किरण जैन ने बताया कि दूसरे स्कूल में शिक्षक नहीं आए, इसलिए यहां के शिक्षक को भेजा है। स्कूल की हालत पर संस्था प्रभारी जैन ने बताया कि कई बार अफसरों का बताया, लेकिन अभी तक कोई देखने तक नहीं आया है। फिलहाल स्कूल में पुताई चल रही है, इसलिए कोने में बैठ कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। दोपहर में जब मध्याह्न भेाजन आता है, तब एक बाई आती है जो बच्चों को खाना खिलाकर चली जाती है।
रसूखदारों ने किया कब्जा
दरअसल, स्कूल में मोहल्ले के लोगों का सामान रखा रहता है। काफी समय से यहां ताजिये का सामान रखा हुआ है जो हॉल के ठीक बीच में ही रखा हुआ है। इसलिए मजबूरी में बच्चों को एक कोने में बैठना पड़ता है। इसके अलावा कुछ पुराना घरेलू सामान भी रखा है।
दरअसल, स्कूल में मोहल्ले के लोगों का सामान रखा रहता है। काफी समय से यहां ताजिये का सामान रखा हुआ है जो हॉल के ठीक बीच में ही रखा हुआ है। इसलिए मजबूरी में बच्चों को एक कोने में बैठना पड़ता है। इसके अलावा कुछ पुराना घरेलू सामान भी रखा है।
दिनभर आते-जाते हैं बाहरी लोग
स्कूल परिसर ही नहीं कमरों तक बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। मंगलवार दोपहर को एक युवक यहां रखे सोफे पर लेट कर वीडियो कॉलिंग कर रहा था जबकि इसी हॉल में एक कोने में कक्षाएं संचालित हो रही थीं।
स्कूल परिसर ही नहीं कमरों तक बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। मंगलवार दोपहर को एक युवक यहां रखे सोफे पर लेट कर वीडियो कॉलिंग कर रहा था जबकि इसी हॉल में एक कोने में कक्षाएं संचालित हो रही थीं।