डेढ़ करोड़ में एक ग्राम यूरेनियम
एसपी एसटीएफ मनीष खत्री ने बताया कि जानकारी मिली थी कुछ लोग यूरेनियम बेचने के लिए लोगों से संपर्क कर रहे हैं। इस पर एसटीएफ के सिपाही सचिन व ओमवीर ने ग्राहक बनकर उनसे संपर्क किया। मंगलवार को उन्हें यूरेनियम लेकर इंदौर बुलाया। केशरबाग ब्रिज के नीचे मिलने की बात तय हुई। टीआइ एमए सैय्यद के नेतृत्व में एक टीम वहां तैनात थी। वहां पर कानपुर के शम्मी राजपूत, योगेशचंद्र शुक्ला, सीमू शुक्ला, कमल कुमार वर्मा पहुंचे। उन्होंने एक बॉटल में कोई पदार्थ यूरेनियम बताकर दिखाया। कहा डेढ़ करोड़ में एक ग्राम यूरेनियम देंगे।
पांच लाख रुपए में प्लेटिनियम
सिपाहियों का इशारा मिलते ही टीम ने चारों को पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि वह यूरेनियम नहीं है। शम्मी इसी तरह से कानपुर में लोगों से ठगी करता है। एक ज्वेलर को वह प्लेटिनियम बताकर नकली पदार्थ पांच लाख रुपए में बेच चुका है। यह जेवर साफ करने के लिए इस्तेमाल होता है। बाकी तीनों आरोपी प्रॉपर्टी ब्रोकर है।
टीआई सैय्यद ने बताया कि यूरेनियम एक रेडियो एक्टिव पदार्थ है। इसका इस्तेमाल एटॉमिक रिएक्टर, एटम बम बनाने के काम में होता है। यह आसानी से उपलब्ध भी नहीं होता। इसी के चलते जब पता चला कि कोई यूरेनियम बेच रहा है तो उन्हें पकडऩे की योजना बनाई। आरोपियों के पास से चार मोबाइल और बॉटल में भरा पदार्थ जब्त हुआ। इनके बारे में कानपुर पुलिस से जानकारी ली जा रही है।