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इंदौर

क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस, क्या है इसका महत्व

हमारे देश में हिंदी दिवस हर शहर हर कोने में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इंदौरSep 14, 2017 / 12:40 pm

अर्जुन रिछारिया

hindi diwas celebration
हमारे देश में हिंदी दिवस हर शहर हर कोने में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदी देश की मातृभाषा है और इसका सम्मान करने के लिए साल में एक दिन यानी कि 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस न सिर्फ एक भाषा का सम्मान है बल्कि देश को एकजुट करने और उसे एक सूत्र में बांधने का एक त्यौहार है।
14 सितंबर को भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 स‍ितंबर इसल‍िए, क्‍योंक‍ि 1949 में इसी द‍िन संव‍िधान सभा ने ह‍िंंदी को भारत की आध‍िकार‍िक भाषा का दर्जा द‍िया। यानी इसे राजभाषा बनाया गया। 26 जनवरी, 1950 को लागू संंव‍िधान में इस पर मुहर लगाई गई। 
14 सितंबर को भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 स‍ितंबर इसल‍िए, क्‍योंक‍ि 1949 में इसी द‍िन संव‍िधान सभा ने ह‍िंंदी को भारत की आध‍िकार‍िक भाषा का दर्जा द‍िया। यानी इसे राजभाषा बनाया गया। 26 जनवरी, 1950 को लागू संंव‍िधान में इस पर मुहर लगाई गई। संव‍िधान के अनुच्‍छेद 343 के तहत देवनागरी ल‍िप‍ि में ल‍िखी जाने वाली ह‍िंंदी को सरकारी कामकाज की भाषा (अंग्रेजी के अत‍िर‍िक्‍त) के रूप में मान्‍यता दी गई। हालांक‍ि, सरकारी व कारोबारी जगत में ह‍िंंदी का दबदबा उस स्‍तर का नहीं है, जैसा ह‍िंंदीप्रेमी उम्‍मीद रखते हैं। कारोबारी जगत में तो एक तरह से अंग्रेजी का ही दबदबा है। शायद इसील‍िए ह‍िंदी द‍िवस मनाने की जरूरत भी महसूूूस की गई, ताक‍ि ह‍िंदी को बढ़ावा द‍िया जा सके। पर यह भी एक तथ्‍य है क‍ि सरकार ज‍ितनी श‍िद्दत से ह‍िंंदी पखवाड़ा या ह‍िंदी द‍िवस मनाती है, उतने जतन से हि‍ंंदी के प्रयोग को आम बनाने की पहल करती नहीं द‍िखती है। ऐसे मेें ह‍िंदी को वह दर्जा म‍िल नहीं पाता और ह‍िंंदी द‍िवस की जरूरत बनी रहती है। कई ह‍िंंदी प्रेमी तो ह‍िंदी द‍िवस को न‍िरर्थक मानते हैं। उल्‍टा वे इसे ह‍िंदी को अबला बताने और ह‍िंंदी की दुर्दशा के नाम पर आंसू बहाने का द‍िवस मानते हैैं। हिंदी कोई अबला नहीं है, अपनी मातृभाषा के प्रयोग में किसी को भी किसी भी तरह का दुःख नहीं होना चाहिए। ये तो वही बात हुई जो खाते हिंदी की हैं, लेकिन गाते अंग्रेजी की हैं।हमारे देश में हिंदी दिवस हर शहर हर कोने में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। 
हिंदी दिवस भारत की मातृ भाषा को सम्मान देने के लिये प्रति वर्ष मनाया जाता है। यह लोगों द्वारा सरकारी कार्यालयों, निजी कार्यालयों, और शैक्षिक संस्थानों में मनाया जाता है। यह शिक्षकों के उचित मार्गदर्शन में विविध गतिविधियों के साथ स्कूल और कॉलेज के छात्रों द्वारा मनाया जाता है। हिंदी दिवस पूरे देश भर में मनाया जाता है, जो भारत में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली हिंदी भाषा के महत्व को दर्शाता है। यह बहुत सी मनोरंजक गतिविधियों की एक विशेष सभा का आयोजन करके लगभग सभी स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों द्वारा मनाया जाता है। विभिन्न कक्षाओं के छात्रों द्वारा, भाषण का सस्वर पाठ, निबंध लेखन, हिंदी कविता पाठ, कबीर दास के दोहे, रहीम के दोहे, तुलसी दास के दोहों का सस्वर पाठ गायन, गीत, नृत्य, हिन्दी में सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, नाटक, नारा लेखन आदि इस दिन की मुख्य गतिविधियों में शामिल है। इस दिन, छात्रों को विशेष रुप में हिन्दी भाषा में भाषण देने, निबन्ध लिखने और अन्य गतिविधियॉ करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। स्कूलों में छोटे बच्चों को भी हिंदी में कुछ लिखने के लिए कार्य या कुछ लाइनों का भाषण दिया जाता है। एक बहुत पुराना और प्रसिद्ध हिन्दी भजन (“ऐ मलिक तेरे बंदे हम ‘) छात्रों द्वारा समूह में गाया जाता है।

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