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हैरान, परेशान व्यापारियों और रहवारियों ने कहा, हम रविवार को निगमायुक्त के पास पहुंचे तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया। महापौर फोन पर भी बात नहीं करना चाहती हैं। अब मंत्री जयवर्धनसिंह के आश्वासन पर ही भरोसा बचा है। बाजार में तोड़-फोड़ के नोटिस बंटने के बाद रविवार दोपहर एक बजे दुकानदार और रहवासी सीतलामाता चौक पर एकत्र हुए और कार्रवाई के विरोध की रणनीति तय की। दुकानदार शनिवार को मंत्री जयवर्धनसिंह से मिले तो उन्होंने निगमायुक्त आशीष सिंह से मिलकर उनके जवाब से अवगत कराने को कहा था।
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व्यापारी निगमायुक्त को फोन करते रहे, लेकिन चर्चा नहीं हुई तो सीधे बंगले पर पहुंच गए। आवेदन भेजा तो जवाब आया, यहां नहीं मिल सकेंगे, ऑफिस आकर मिलना। इसके बाद व्यापारी रेसीडेंसी कोठी पहुंचे, लेकिन मंत्रीजी भी यहां से लंच के लिए निकल चुके थे। दोनों जगह से खाली हाथ रहे कारोबारी फिर बाजार पहुंचे। कुछ दुकानदार कारोबार बंद करने तो कुछ बाजार खुला रखकर विरोध करने के पक्ष में हैं।
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2 से 6 फुट रह जाएंगी दुकानें
नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के तहत जयरामपुर से गोराकुंड तक सड़क को 60 फीट चौड़ा करने जा रहा है। इसके लिए शनिवार को लगभग 250 लोगों को 7 दिन में अपना निर्माण हटाने के नोटिस जारी किए। करीब सवा किमी की इस रोड की जद में 500 के लगभग परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इस सड़क के दोनों ओर 15-20 फीट का हिस्सा हर मकान का टूट रहा है। कुछ दुकानें तो 2 से 6 फीट ही बचेंगी। बाजार की 250 दुकानें प्रभावित हो रही हैं। व्यापारियों का कहना है, तीन सड़कों के लोगों को उजाडऩे के बाद शहर कितना स्मार्ट हुआ, प्रशासन, नगर निगम इसका आकलन कर हमारे घरों में तोडफ़ोड़ करे।
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वर्तमान में बाजार को व्यवस्थित कर पार्किंग की व्यवस्था कर दें तो जाम की स्थिति नहीं बनेगी। जब रोड 60 फीट चौड़ी हो जाएगी तो इसके ट्रैफिक से खजूरी बाजार और राजबाड़ा दोनों ही प्रभावित होंगे। अफसर कागज और मास्टर प्लान की योजनाओं की समीक्षा किए बिना प्लानिंग कर रहे हैं। बीते प्रोजेक्ट की निर्माण गति को देख दुकानदार भयभीत हैं। यदि निर्माण में दो साल लग गए तो धंधा, बाजार और दुकान तीनों चौपट हो जाएंगे।
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100 साल पुरानी संस्कृति खत्म हो जाएगी
सीतलामाता बाजार व्यापारी एसोसिएशन के रमेश त्रिवेदी की पूरी दुकान ही सड़क में जा रही है। उनका कहना है, यह बाजार 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। हमारी पेढ़ी ही इसका सबूत है। महाराज तुकोजीराव होलकर ने शहर के कपड़े की प्रसिद्धि देख क्लॉथ मार्केट की स्थापना की थी। यह बाजार कालांतर में मध्यभारत की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी बन गया। इससे सीतलामाता बाजार की नींव पड़ी। सीतलामाता का मंदिर होने से इसका यह नाम पड़ा। शुरुआत में लोग यहां क्लॉथ मार्केट से कपड़ा लाकर ओटलों पर दुकान लगाकर बेचते थे, धीर-धीरे पेढि़यां बनती गईं। इस बाजार को ड्रेस नवाचार के रूप में जाना जाता हैं।
महाजन बोलीं: व्यापारियों को पहले लिखित में दें उनका हक फिर करें तोडफ़ोड़
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कार्रवाई को लेकर कहा, इस संबंध में व्यापारी मुझसे मिले थे। उनकी मांग है, नगर निगम निर्माण हटाने के बदले टीडीआर व अन्य सुविधाएं लिखित में दे। महाजन ने तोडफ़ोड़ का विरोध करने के बजाए स्पष्ट कहा कि सड़कें बनाने के लिए जो काम आवश्यक है वह तो करना पड़ेगा। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि जो प्रभावित हैं, उन्हें टीडीआर व एफएआर दिया जाना चाहिए। निर्माण हटाने से पहले इसके दस्तावेज दिए जाने चाहिए। साथ ही जिस व्यापारी को खुद निर्माण नहीं करना है, उसे जगह हस्तांतरित करने का भी अधिकार मिलना चाहिए। महाजन ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत अभियान के तहत साकेत नगर में लोगों को पार्टी से जोडऩे के लिए घर-घर दस्तक देने पहुंची थीं। उनके निवास पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
पीडि़त बात करें, हम तो इसे बचाने के पक्ष में
पीडि़त जिसने दर्द दिया उसी से दवा मांगने जा रहे हैं। व्यापारी व रहवासियों को एक बार बात करना चाहिए। हमने मंत्री जयवर्धन सिंह से चर्चा की है। सड़क को कैसे बनाएं जिससे कारोबारियों का नुकसान न हो इस पर विचार चल रहा है। हेरिटेज मंदिर और बाजार को नष्ट नहीं होने देंगे। महापौर स्मार्ट बनाने के नाम पर हिटलरशाही कर रही हैं। इसका विरोध किया जाएगा।
– सुरजीतसिंह चड्ढा, कांग्रेस नेता
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वैरायटी व रचनात्मकता मिल जाती है सस्ते में
पूरे देश से इंदौर आने वाले लोग यहां जरूर आते हैं, क्योंकि यहां वैरायटी व रचनात्मकता फैशन के हिसाब से काफी सस्ते में मिल जाती है। यहां साडि़यों पर काम, सलवार सूट में नवाचार, शादी-ब्याह की खरीदी प्रमुखता से होती है। इस बाजार में ग्राहक के साथ ही कई तरह के रोजगार भी जुड़े हैं। एम्ब्रायडरी, साड़ी मैकिंग जैसे कार्य प्रमुखता से होते हैं।