दरअसल, बिजली कंपनी ने स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को हर माह 5 तारीख तक बिल जारी करने का दावा किया था, जो फेल हो गया। शहर में 80 हजार के आसपास स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। इनसे महीने के अंतिम दिन तक सीधे कंपनी मुख्यालय पोलोग्राउंड स्थित एमटी बिल्डिंग के कंट्रोल रूम रीडिंग पहुंच जाती है। यहां से बिलिंग सेक्शन जाती है। इसके बाद बिल प्रिंट होते हैं। बिल वितरण में देरी हो रही है।
उदाहरण के लिए स्मार्ट मीटर से रीडिंग 30 सितंबर को कंपनी के पास पहुंच गई, लेकिन उपभोक्ताओं को 15 से 20 अक्टूबर के आसपास बिल मिल रहे हैं, जबकि प्रबंधन ने दावा किया था कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को 5 तारीख तक बिल पहुंच जाएंगे।
साथ ही जमा करने के लिए 5 से 6 दिन का समय मिलेगा। कंपनी का यह दावा पूरी तरह से फेल है। कंपनी समय से बिल वितरण करे तो राजस्व भी अच्छा प्राप्त हो। लोग बिना वजह की पेनल्टी से बच जाएं। कंपनी प्रबंधन सप्लाय व्यवस्था सुधारने पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन बिलिंग सिस्टम नहीं सुधार पा रहा।