मेट्रो ट्रेन के लिए लाइन बिछाने का काम एमआर-10 चौराहे से शुरू हुआ है। यहां से लाइन डालने के लिए ठेकेदार कंपनी ने रास्ते में बाधक 160 से ज्यादा और ट्रांसप्लांट योग्य पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की अनुमति मांगी थी इसके बाद नगर निगम ने इसका सर्वे का काम शुरू करवाया था। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम ने लगभग 50 से ज्यादा पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने योग्य माना था। इसके लिए अनुमति संबंधी फाइल उद्यान विभाग से चल रही थी, इसके बीच ही कंपनी ने काम शुरू करते हुए कुछ पेड़ों को काट दिया है। नगर निगम के उद्यान विभाग के क्षेत्रीय दरोगा ने इसकी जानकारी बतौर रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसके आधार पर अब नगर निगम कंपनी से पेड़ों की कटाई के संबंध में नोटिस जारी करते हुए पूछताछ करने जा रही है।
आइडीए ने लगाए थे महंगे पेड़ आइडीए द्वारा विकसित इस हिस्से में कई ऐसे पेड़ हैं, जो उसने काफी महंगी दर पर खरीदते हुए यहां शहर की सुंदरता के लिए लगाए थे। ये पेड़ काफी बड़े भी हो चुके हैं। ये हिस्सा अभी भी आइडीए के आधिपत्य में ही है। इन पेड़ों की देख-रेख आइडीए ही करता रहा है। नगर निगम ने इन पेड़ों को अपने उद्यानों में ट्रांसप्लांट करने की तैयारी की थी। लेकिन नगर निगम को जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक इन पेड़ों को ठेकेदार कंपनी ने हटा दिया है।
सरकारी कंपनी के चलते सब चुप मेट्रो ट्रेन का काम नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा गठित मेट्रो ट्रेन कंपनी कर रही है। बड़े सरकारी अफसर कंपनी में पदाधिकारी हैं। खुद निगमायुक्त भी मेट्रो प्रोजेक्ट के इंदौर के सीईओ हैं। ऐसे में इसके कामों को लेकर सभी ने चुप्पी साध रखी है।
कार्रवाई के लिए फाइल भेज दी है -पेड़ काटने की अनुमति जारी नहीं की थी। बगैर अनुमति के कटाई की रिपोर्ट मिली है। इस पर कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अफसरों की ओर फाइल भेज दी गई है।
कैलाश जोशी, उपायुक्त, उद्यान