पलासिया में रहने वाले पूर्व सैनिक रामभजन तंबोली (70) ने 1971 में पाकिस्तान से लड़ाई में भाग लिया और शौर्य दिखाया था। सेवानिवृत्ति के बाद मकान में बनाई दुकान के किराए से जीवन-यापन करने लगे। उन के तीन बेटे मकान हड़पने की साजिश रच रहे हैं। तंबोली ने एएसपी प्रशांत चौबे से शिकायत की। उनका कहना था, देश के लिए लड़ाई लडऩे में उन्हें परेशानी नहीं हुई, लेकिन बेटों ने परेशान कर दिया है। बेटों को वे एक मकान दे चुके हैं। उनका आरोप है, जिस मकान से उनका जीवन चल रहा है, बेटा हरीश उसे पाने के लिए शराब पीकर परेशान करता हैै। जीना मुश्किल कर दिया। बुधवार को सीनियर सिटीजन काउंसिल में पूर्व सैनिक और बेटे को बुलाकर बात की। बेटे को पिता की परेशानी के कारण पुलिस ने समझाया और चेतावनी भी दी। नतीजा यह हुआ कि हरीश को गलती का एहसास हो गया। वह पिता के पैरों में गिर गया और कभी शराब को हाथ न लगाने की कसमें खाने लगा। पुलिस ने गलती स्वीकारने पर नौकरी की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।
पिता के पैर छूकर मांगी माफी बेटे को शराब छोडऩे के साथ नौकरी दिलाने की बात कही व अन्य बेटों को भी समझाया। इसके बाद सेवानिवृत्त सैनिक के बेटे ने लिखित में दिया, वह अब न शराब को हाथ लगाएगा और न पिता को परेशान करेगा। समझाइश के बाद बेटे ने पिता के पैर छूकर माफी मांगी। पूर्व सैनिक ने सीनियर सिटीजन पंचायत के पदाधिकारी और सदस्यों का आभार मानकर उन्हें आशीर्वाद दिया।
– डॉ. प्रशांत चौबे, एएसपी