हर शख्स का पसीज गया दिल भूख से उनकी आवाज तक नहीं निकल पा रही थी। पुलिसकर्मियों ने बुजुर्ग महिला को ढांढस बंधाया और चाय के साथ बिस्किट का इंतजाम किया। जैसे-तैसे बुजुर्ग की सांसों में सांस लौटी। उन्होंने अपनी दास्तां सुनाई, तो थाने में मौजूद हर शख्स का दिल पसीज गया। हर आंख से आंसू बह निकले। यह दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना जनसेवा नगर निवासी माया (70) पति निम्मा के साथ हुई। मां के रूदन और दर्द को महसूस कर एसआई नीलमणि ठाकुर ने उन्हें निराश्रित सेवा आश्रम पहुंचाया।
एसआई से लिपट गई एसआई ठाकुर ने बताया, बुजुर्ग मां माया मंगलवार सुबह दस बजे थाने आईं। दर्द बयां कर वह मुझसे लिपटकर रोने लगीं। बोलीं, बेटी, मुझे कुछ सुनाई नहीं देता। मेरे दो बेटे हैं और उनकी शादी हो चुकी है। दोनों ने मुझे घर से निकाल दिया। छोटा बेटा तो मारपीट भी करता है। दो दिन तक अन्नपूर्णा मंदिर के बाहर बैठी रही। एक व्यक्ति ने दस रुपए खर्च के लिए दिए, यह कहकर वह रो पड़ीं। यहां वृद्धाश्रम संचालक यश पाराशर ने उन्हें सांत्वना देकर बेटे जैसा प्यार दिया। अपने बेटे-बहुओं की बेरहमी की शिकार मां महिला एसआई और वृद्धाश्रम संचालक के सिर पर हाथ फेर-फेरकर दुआएं देती रही।