क्या है पूरा मामला
ये पूरा मामला दो साल पहले का है। इस मामले की सुनवाई दो साल तक चली। इसके बाद कोर्ट ने रतलाम निवासी प्रीतिश यादव को पत्नी से झूठ बोलकर शादी करने और मारपीट करने का दोषी पाया गया। दोनों की शादी होने के बाद परेशानियां बढ़ने लगी थी। पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि शादी के दौरान युवक ने उससे कहा था कि वो राधा स्वामी सत्संग से जुड़ा हुआ है। वह शराब को सेवन नहीं करता। लेकिन शादी के एक-दो महीने बाद से ही रोज शराब पीकर आने लगा और पत्नी को परेशान करने लगा। जब पत्नी ने शराब न पीकर आने के लिए कहा तब आए दिन वह पत्नी से मारपीट करने लगा।
पति की वजह से गई बच्ची की जान
पीड़िता ने बताया कि उसके प्रेग्नेंट होवने के बाद उसे इंदौर डिलीवरी करने की बात आई तो पति ने मना कर दिया। उसने कहा कि उसकी मां महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय में ही नौकरी करती है। वह अच्छे से देखभाल करेगी। लेकिन उसने पति की बात नहीं मानी और बच्ची की जान खतरे में डाल दी। ठीक एक महीने बाद पीड़िता की बच्ची की मौत भी हो गई। बच्ची की मौत होने के बाद महिला अपने मायके वापस आ गई, लेकिन उसके पति ने शराब नहीं छोड़ी। जब पत्नी नाराज होकर मायके चली गई तो पति रोज व्हाट्सएप स्टेटस पर उसके लिए गालियां लिखी। जिसका स्क्रीनशॉट उसने खुद पीड़िता को भेजे ताकि वह इन्हें पढ़ सके। मैसेज में अभ्रद भाषाओं का प्रयोग किया गया।
पत्नी को मिल गया तलाक
सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने पीड़िता को एक पक्षीय तलाक दिलाया। इस मामले एडवोकेट प्रीति मेहना ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए पत्नी को प्रताड़ित करके स्क्रीनशॉट पर गंदे मैसेज लिखकर दिखाना भी तलाक का आधार हो सकता है। इस मामले में कोर्ट ने इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए पीड़ित पत्नी को एक पक्षीय तलाक दिलाया है।