सुष्मिता ने कहा, सपने और उम्मीद एक न एक दिन पूरे होते हैं, लेकिन कई बार समय लगता है। मेहनत करते रहें और अपने आप पर काम करते रहें, फिर देखना एक दिन आपकी मुश्किलें स्वयं ही हल हो जाएंगी। मैंने पान वाले से लेकर प्रेसिडेंट तक कई लोगों से प्रेरणा ली है। मुझे अपने बचपन में सिखाई गई हर कहानी से प्रेरणा मिलती है। मैं मदर टेरेसा से बहुत प्रभावित हूं। यह मेरी खुशनसीबी है कि मैं उनसे मिल पाई और उनसे मिलकर मुझे सीख मिली कि रिश्ते खून से नहीं, विश्वास से बनाए जाते हैं। बच्चे पेट से जने जाएं, यह जरूरी नहीं है, वे दिल से भी जने जा सकते हैं। महिलाओं पर बेबाकी से जवाब देते हुए पूर्व मिस यूनिवर्स ने कहा, ‘मैं दुनिया को यह बताना चाहती हूं कि महिलाएं एक अच्छी सीईओ भी हो सकती है, एक मार्केटिंग वुमन भी हो सकती हैं, डायरेक्टर भी हो सकती हैं।