शहर को स्वच्छ बनाने में निगम स्वास्थ्य विभाग के सफाईकर्मियों की विशेष भूमिका रही, जिन्होंने शहर की सफाई के लिए किसी से कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने कभी यह नही देखा कि रात या दिन, सुबह या शाम, गर्मी या बारिश। सफाईकर्मियों का हौसला बनाए रखने के लिए निगम अफसर भी कभी पीछे नहीं हटे। स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग के अफसर और जोनल अफसर सफाई के काम में जुटे रहे।
सर्वेक्षण के पहले संस्करण में भारत में सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मैसूर ने हासिल किया था, जबकि इसके बाद इंदौर लगातार तीन वर्ष से नंबर-1 का खिताब अपने नाम करता आ रहा है। वर्ष 2017, 2018 और 2019 में इंदौर देश में शीर्ष स्थान पर रहा है।
निगम अफसरों अनुसार कल दिल्ली में होने वाले आयोजन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को कुल 129 अवॉर्ड दिए जाएंगे। मालूम हो कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के अंतर्गत जनवरी में नगरीय निकायों का सर्वे कार्य हुआ था। इसमें विभिन्न श्रेणियों में अवॉर्ड दिए जाना हैं। सर्वे के परिणामों की घोषणा वर्चुअल इवेंट में की जाएगी। दिल्ली में अवॉर्ड की घोषणा की जाएगी, लेकिन अवॉर्ड लेने के लिए अफसर दिल्ली नहीं जाएंगे। भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठकर वर्चुअल कार्यक्रम के तहत अवॉर्ड प्राप्त करेंगे। इसके लिए पूर्व महापौर मालिनी गौड़, पूर्व निगमायुक्त आशीष सिंह और वर्तमान निगमायुक्त प्रतिभा पाल को भोपाल आमंत्रित किया गया है, जो कल सुबह 10 बजे भोपाल पहुंचकर कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगे।
कार्यक्रम आयोजित कर रहे केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देश के विभिन्न भागों के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के चुनिंदा स्वच्छताग्रहियों और सफाईकर्मियों से भी संवाद करेंगे।
परिणाम जारी करने के पूर्व प्रदेश के 10 शहरों को सराहनीय कार्य के लिए नामांकित किया है, उनमें इंदौर, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, सिहोर, भोपाल, शाहगंज, कांटाफोड़, महू केंट शामिल हैं।