टीआई छोटी ग्वालटोली डीव्हीएस नागर ने बताया, ओम विहार कॉलोनी निवासी गौरव श्रीवास्तव की रिपोर्ट पर समीर पठान के खिलाफ अवैध वसूली का केस दर्ज किया है। गौरव एक निजी कंपनी में काम करता है। उसकी कंपनी का काम अपने क्लाइंट के नाम से बनने वाले डुप्लीकेट सामान की जानकारी निकाल कर उन पर कार्रवाई करना है। १५ अप्रैल को एमजी रोड इलाके में एक आप्टीकल की शिकायत कर गौरव ने केस दर्ज कराया था। तब आप्टीकल वाले की तरफ से समीर भी वहां आया था। इसी दिन रात में जब गौरव सरवटे बस स्टैंड पर खाना खाने आया तो समीर उसे मिला सामान्य मुलाकात के बाद वह चला गया।
16 अप्रैल को समीर ने उसे फोन किया। उसे कहां तुमने पुलिस के साथ मिलकर आप्टीकल वाले से ढ़ाई लाख रुपए लिए हैं। उसके बाद भी उसे धमका रहे हैं। गौरव ने पैसा लेने से मना करते हुए नियम अनुसार कार्रवाई की बात कही। तब अगले दिन समीर ने मिलने के लिए सरवटे बस स्टैंड पर बुलाया। यहां उसने मैं पुलिस में एएसआई रह चुका हूं। मुझे पता है पुलिस कैसे कार्रवाई करती है। मुझे चालीस हजार रुपए दे दो तो में कोई कार्रवाई नहीं करूंगा। मैं मानव अधिकार अधिकारी हूं। पैसा नहीं दिया तो झूठे केस में फंसवा दूंगा। पहले में सेंट्रल कोतवाली में एक घी वाले पर कार्रवाई कर पांच लाख रुपए ले चुका हूं। वह अपने मोबाइल में पुलिस अधिकारियों के साथ फोटो दिखाते हुए मोबाइल में सेव उनके नंबर दिखाने लगा। उसने ट्रू कॉलर पर अपने नाम के आगे पुलिस लिख रखा है। गौरव ने मामले की शिकायत पुलिस को की जिस पर से उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया।
पहले लोकायुक्त ने पकड़ा था बताते है कि पहले समीर पठान सेंट्रल कोतवाली थाने की गाड़ी चलाता था। इसी दौरान एसआई अजय पल्ले को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। इसमें समीर भी उसके साथ था। मामले में लोकायुक्त ने समीर के खिलाफ भी कार्रवाई की थी।