पुलिस के अनुसार 15 वर्षीय करण पिता सज्जनसिंह को मृत अवस्था में बड़े अस्पताल लाया गया था। उसे अस्पताल लेकर आए अविनाश ने बताया कि करण ने कल कमरे में फांसी लगा ली। मां उस वक्त आंगन में थी। वह जब अंदर गई तो उन्होंने देखा। शोर मचाने पर आसपास के लोग वहां पर जमा हुए और उसे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पढ़ाई को लेकर उसकी मां से कहासुनी हो गई थी। आमतौर पर बच्चों को पढ़ाई के लिए हर घर में डांटा जाता है। उसी तरह उसे भी डांटा गया। संभवत: यह बात उसे अच्छी नहीं लगी और उसने यह कदम उठा लिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और जांच कर रही है। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
इकलौता सहारा था
इकलौता सहारा था
करण इकलौटा बेटा था। उसके पिता विदेश में नौकरी करते हैं। यहां पर वह मां के साथ ही रहता था। हाल ही में नौवीं क्लास पास कर वह 10 वीं में आया था। अचानक उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। उसके पिता को भी सूचना दी गई है।