मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद ही तय होगा कि बच्ची के 22 सप्ताह के गर्भ को टर्मिनेट किया जाएगा या नहीं। दो दिन पहले पीडि़ता ने मां के साथ कलेक्टर के पास पहुंचकर गर्भपात की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने मामला बाल कल्याण समिति के समक्ष भेज दिया। समिति की माया पांडे ने बताया, पहले बच्ची ने कुछ नहीं बताया, लेकिन काउंसलिंग के बाद 17 वर्षीय नाबालिग आरोपी और उसकी मामी के बारे में जानकारी दी। इसके बाद अन्नपूर्णा पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया। चूंकि बच्ची को 22 सप्ताह का गर्भ है, इसलिए बिना कोर्ट की इजाजत के गर्भपात नहीं हो सकता। हमने शुक्रवार को विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से हाई कोर्ट में याचिका दायकर की। कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड गठित कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।