घटना पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व महापौर मालिनी गौड़ खासी नाराज थीं। उन्होंने कलेक्टर मनीष सिंह व डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र को दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का कहा ताकि दोबारा कहीं ऐसी घटना ना हो। पुलिस ने दोषियों पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन गौड़ अभी भी अड़ी हुई हैं कि हत्या के प्रयास में लगने वाली धारा ३०७ को बढ़ाया जाए।
इस पर अधिकारियों ने जांच कर धारा बढ़ाने का आश्वासन दिया। इसके बाद गौड़ ने सीधे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भी सारे घटनाक्रम की जानकारी दी। कहना था कि सख्त कार्रवाई नहीं की तो अपनी जान पर खेलकर काम कर रहे कर्मचारियों व अधिकारियों का मनोबल टूटेगा। कुछ ही देर बार चौहान ने रासुका लगाने की घोषणा की।
वकील नहीं करेगा हमलावरों की पैरवी बुधवार को स्वास्थ्य अमले पर हमले के बाद कल पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए टाट पट्टी बाखल में छापामार कार्रवाई की। हरकत करने वाले मोहम्मद मुस्तफा, नौशाद अहमद कादरी, मोहम्मद गुलरेज गनी, शाहरुख खान, मुबारिक खान, शोहेब खान और मजीद अब्दुल गफूर को गिरफ्तार कर लिया गया। इसमें से मुस्तफा, गुलरेज, मुख्तियार और मज्जू पर रासुका की कार्रवाई कर दी गई। अब बचे हुए तीन लोगों को पुलिस आज अदालत में पेश करेगी।
किसी भी कीमत पर उनकी जमानत न हो इसे लेकर कुछ वकीलों ने मोर्चा खोल दिया है। सबसे पहले वरिष्ठ अभिभाषक राघवेंद्रसिंह बैस ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी किया। कहना था कि इंदौर को बदनाम करने और डॉक्टर व पुलिस पर हमला करने वाले गुंडे देशद्रोही हैं। ऐसे लोगों की वकालात हमें नहीं करना चाहिए। मैं इनके खिलाफ आवाज बुलंद करता हूं।
मुझे आशा है कि आप सब भी मेरी बात से सहमत हैं। इसके बाद बैस ने इंदौर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा व सचिव कपिल बिरथरे को फोन लगाकर आग्रह किया कि कोई भी उनकी पैरवी नहीं करें नहीं तो संदेश अच्छा नहीं जाएगा। इंदौर के साथ हमारा अभिभाषक संघ भी बदनाम होगा।