देवगुराडिय़ा स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा निपटान का काम अभी दो एजेंसी कर रही है। टारगेट के हिसाब से इनसे पूरे 100 प्रतिशत तक कचरे का निपटान न होने पर निगम मशीनें बढ़ा रहा है।
साफ-सुधरा शहर होने के साथ कचरे का निपटान पूरी तरह से होने पर ही 7 स्टार रैंकिंग मिलेगी। शुरुआत थ्री स्टार की रंैकिंग से होना है। इसके लिए शहर ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) होना जरूरी है, जो कि इंदौर हो चुका है। इसकी रिपोर्ट पिछले दिनों ओडीएफ जांचने आए केंद्र सरकार के सर्वे दल ने दिल्ली में सौंप दी है। इसके बाद निगम ने थ्री स्टार पाने के लिए आवेदन भी कर दिया है। अब फिर से जांच करने दल 15 सितंबर को इंदौर आएगा और फिर थ्री स्टार रंैकिंग देगा। इसके बाद निगम को 4, 6 और 7 स्टार रैंकिंग पाने के लिए घर-घर से कचरा इकट्ठा करना, कचरे का पृथकीकरण और पूरा कचरा निस्तारण केंद्र तक ले जाना, बिल्डिंग मटेरियल न फैला होना और गंदगी फैलाने वालों पर स्पॉट फाइन सहित जलस्त्रोत यानी नदी-नाले व तालाबों की सफाई और ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लगे कचरे के ढेर का निपटान करने जैसे अन्य कई काम करने होंगे। इस पर निगम ने काम शुरू कर दिया है, ताकि जनवरी-2019 में होने वाले सर्वेक्षण में इंदौर फिर अव्वल आ कर हैटट्रिक मारे।
इंदौर को 7 स्टार रैंकिंग मिले, इसके लिए निगम अमले को काम पर लगा दिया गया है, जो कि जनवरी में होने वाले सर्वेक्षण के कामों पर फोकस रखेंगे। साथ ही जनता का सहयोग भी निगम ले रहा है।
शहर में अभी रोज 1100 टन कचरा निकलता है, जिसका निपटान खाद बनाकर किया जा रहा है। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर गीले कचरे से रोज 50 टन खाद बनाई जा रही है। सूखे कचरे से भी खाद बन रही है।
मालिनी गौड़, महापौर
आशीष सिंह, आयुक्त नगर निगम