मालवा-निमाड़ में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 66 में से महज 17 सीट मिली तो पहली बार भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी ने सैलाना सीट पर कब्जा किया। भाजपा के लिए ये चुनाव आसान नहीं है, क्योंकि वह जातिगत समीकरण में उलझती नजर आ रही है। भाजपा का संगठन पूरी ताकत से जुटा है, लेकिन नेताओं को स्थिति पर नियंत्रण करने की चिंता है। मंथन चल रहा है कि चुनावी माहौल को अपने पक्ष में कैसे करें। कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग का खासा ध्यान रखा।
लोकसभा की स्थिति
धार: विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की आठ सीट में से भाजपा तीन और कांग्रेस पांच पर जीती थी। हार-जीत का अंतर देखा जाए तो कांग्रेस के पास बढ़त है। भाजपा ने पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर को टिकट दिया, जो भिलाला समाज से आती हैं। ये हो सकता है टर्निंग पाइंट: कांग्रेस ने राधेश्याम मुवेल को उतारा, लेकिन टिकट बदलकर महेंद्र कन्नोज को देने का मूड बना रही है। ऐसे में भाजपा को दिक्कत होगी। जयस के साथ भील समाज के वोट मिल सकते हैं। ठाकुर को धार, बदनावर और महू विधानसभा से मिलने वाली लीड पर चुनाव परिणाम निर्भर करेगा।
रतलाम-झाबुआ: विधानसभा की आठ सीटों में से भाजपा को पांच, कांग्रेस को दो और भाआपा को एक सीट मिली। भाजपा ने मंत्री नागरसिंह चौहान की पत्नी अनीता चौहान को टिकट दिया है। कांग्रेस से वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया मैदान में हैं। भूरिया भील तो चौहान भिलाला समाज से आती हैं। लोकसभा में 80 फीसदी आदिवासी समाज भील है।
ये हो सकता है टर्निंग पाइंट: लोकसभा आलीराजपुर, झाबुआ और रतलाम क्षेत्र में बंटी है। आलीराजपुर में नागर सिंह का होल्ड है तो रतलाम में भाजपा का और झाबुआ में भूरिया का प्रभाव है। सारा जोड़-घटाव रतलाम की लीड पर है, क्योंकि जातिगत समीकरण के हिसाब से वोट मिले तो भूरिया मजबूत हैं। इसकी भरपाई की ताकत भाजपा के पास रतलाम में है। वहां भाआपा प्रत्याशी को कितने वोट मिलते हैं और सैलाना की क्या स्थिति रहती है, उस पर परिणाम निर्भर करेगा। भूरिया भाजपा के सरपंचों में सेंधमारी कर रहे हैं, ताकि जातिगत समीकरण के हिसाब से उन्हें वोट मिल सकें।
खरगोन-बड़वानी: विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की आठ सीटों में से भाजपा को तीन मिलीं। पांच सीट कांग्रेस के खाते में गई। यहां कांग्रेस ने जातिगत समीकरण का ध्यान रखा। क्षेत्र में अजजा वर्ग के बारेला समाज का खासा वोट बैंक है। इसके चलते पोरलाल खर्ते को टिकट दिया गया। आदिवासी कर्मचारी संगठन से जुड़े होने के साथ जयस का समर्थन है। भाजपा ने मौजूदा सांसद गजेंद्रसिंह पटेल को टिकट दिया है।
ये हो सकता है टर्निंग पाइंट: भाजपा प्रत्याशी व सांसद पटेल का पार्टी में ही विरोध है। नाराजगी के चलते बड़ी संख्या में कार्यकर्ता घर बैठे हैं। खर्ते शोर-शराबा न करते हुए आदिवासी पहनावे व अंदाज में दूरस्थ गांवों में प्रचार कर रहे हैं। भाजपा को जातिगत समीकरण के साथ कलफदार कुर्ता-पायजामा भारी पड़ सकता है।