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इंदौर

चार थाने, करोड़ों के भवन लेकिन तैनाती के लिए जवान नहीं

50 प्रतिशत बल से व्यवस्था संभालने की कवायद, अफसरों को उम्मीद- ट्रेनिंग खत्म होते ही मिलेगा बल

इंदौरMay 28, 2019 / 12:15 pm

प्रमोद मिश्रा

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चार थाने, करोड़ों के भवन लेकिन तैनाती के लिए जवान नहीं


इंदौर. ट्रैफिक सुधार के लिए लगातार प्रयास हो रहे है, व्यवस्था बनाने के लिए जरुरी है चौराहों पर तैनात हो पुलिस बल लेकिन स्वीकृत बल में से 50 प्रतिशत ही उपलब्ध है। शहर के लिए 4 थाने स्वीकृत हो चुके है, करोड़ों खर्च कर बिल्डिंग बन रही है लेकिन लेकिन मैदानी व्यवस्था के लिए अभी बल नहीं मिल पा रहा है।
वैसे तो तीन साल से लगातार प्रयास किए जा रहे है कि ट्रैफिक पुलिस का अमला बढ़े, इस दौरान 40 पुलिसकर्मी बढ़े लेकिन अधिकांश अफसरों की टीम में शामिल है। ऐसे में चौराहों पर खड़े होकर व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस बल का हमेशा टोटा रहता है। पहले तो एमटीएच परिसर स्थित एक ट्रैफिक थाना स्वीकृत था लेकिन बाद में व्यवस्थाओं के लिए पश्चिम थाना बना दिया। अब शासन ने इंदौर के लिए चार ट्रैफिक थाने स्वीकृत कर दिए है।
एमटीएच में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से ट्रैफिक थाने का भवन बन रहा है जो लगभग पूरा होने को है। महू नाका पर बन चुका है। एक थाना पीपल्याहाना चौराहे के पास स्वीकृत है, वहां भी भवन बन चुका है लेकिन बंद पड़ा है। अफसरों ने काउंसलिंग सेंटर की शुरुआत की थी लेकिन अब वह भी बंद हो चुकी है। एक थाना भवन मल्हारगंज में पुराने सीएसपी ऑफिस पर बन रहा है, जल्द ही उसे भी पूरा कर ट्रैफिक पुलिस को सौंपा जाएगा। करोड़ों की लागत से चार भवन तो ट्रैफिक पुलिस को मिल रहे है लेकिन इनका इस्तेमाल व्यवस्था सुधारने में होने पर संशय है।
800 का है स्वीकृत बल
ट्रैफिक पुलिस के लिए 800 का बल स्वीकृत है लेकिन उपलब्ध करीब 400 ही है। यानी 50 प्रतिशत से काम चल रहा है। 2 एएसपी, 5 डीएसपी उपलब्ध है लेकिन बाकी पदों काफी खाली है।
बल की स्थिति
पद उपलब्ध स्वीकृत
निरीक्षक 2 56
सूबेदार 24 26
एसआई 12 27
एएसआई 75 147
हैड कांस्टेबल 100 225
कांस्टेबल 200 400
भवन बन गए है, जल्द बल मिलने की उम्मीद
एएसपी महेंद्रकुमार जैन के मुताबिक, ट्रैफिक पुलिस के लिए बल की कमी है, कांस्टेल व हैंड कांस्टेबल की ज्यादा आवश्यकता है। नए भवन बन गए है जो जल्द शुरू होंगे। नव आरक्षकों की भर्ती के बाद ट्रेनिंग चल रही है, उम्मीद है कि ट्रैनिंग खत्म होने के बाद बल मिल जाएगा जिसके बाद उन्हें फील्ड पर तैनात कर व्यवस्थाएं ठीक की जाएगी।

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