इंदौर

रैकेट का सरगना लड़कियों को देता था ड्रग्स , खाते से हुआ 8 महीने में 80 लाख का ट्रांजेक्शन

– रैकी के बाद पांच सदस्यों के साथ लड़कियों को बांग्लादेश से अवैध रूप से लाते थे भारत

इंदौरNov 26, 2021 / 12:01 pm

Ashtha Awasthi

racket

इंदौर। हजारों बांग्लादेशी लड़कियों को देह व्यापार के दल-दल में धकेलने वाला गिरोह का सरगना मामून (25) पिता तफ्फजुल हुसैन दुबई सहित अन्य देशों में भी लड़कियों को सप्लाई कर चुका है। पुलिस ने जब उसके खाते की जांच करवाई तो महज 8 माह में 80 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन मिले। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि किस तरह बॉर्डर क्रॉस कर बांग्लादेश से अवैध रूप से लड़कियां भारत भेजी जाती थीं।

शहर में इससे पहले पकड़ाए रैकेट गिरोह से भी इसकी लिंक पुलिस ने जोड़ ली है। शातिर आरोपी के तार चेन्नई तक फैले हैं। उसके लिए पत्नी सहित कई महिलाएं इस अवैध व्यापार को संचालित कर रही हैं। आरोपी शहर के जिस मकान में छिपकर लड़कियां सप्लाई करते थे। वहां जांच में बड़ी संख्या में सिम और मोबाइल मिले हैं। कोर्ट में पेशी से पहले पुलिस ने आरोपियों का क्षेत्र में जुलूस निकाला।

विजय नगर पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी मामून उर्फ विजय दत्य (पावना, बांग्लादेश), एजेंट बबलू उर्फ पलाश निवासी मुंबई, प्रमोद निवासी खरगोन, उज्जवल निवासी इंदौर, दिलीप बाबा निवासी इंदौर के साथ नेहा, दीपा, आकिजा और रजनी से पूछताछ जारी है। टीआइ तहजीब काजी ने बताया, मामून का खाता नालासुपारा स्थित बैंक में है। खाता नालासुपारा स्थित बैंक में है। वर्तमान में उसके खाते में करीब तीन लाख रुपए होने की बात सामने आई है।

लड़कियों को सप्लाय करने के बाद एजेंट उसके खाते में रुपए जमा करवाते थे। इस दौरान सदस्य चुप चाप चलने की बात कहते। अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस करवाने में मामून उर्फ विजय की गलफ्रेंड और अन्य सदस्य भी साथ देते। मामून इसके लिए वीजा के माध्मय से बांग्लादेश भी जाता। अवैध रूप से आने वाले बाकि सदस्य पैदल चलकर भारत पहुंचते।

इस तरह बांग्लादेश से भारत लाते थे लड़कियां

बांग्लादेश में आरोपी मागून की पत्नी के अलावा गिरोह के पांच से अधिक सदस्य लड़कियों को सप्लाय करते हैं। गिरोह सबसे अधिक बांग्लादेश के जोसोर क्षेत्र में सक्रिय रहता है। इस क्षेत्र में गरीब बस्तियां अधिक हैं। बांग्लादेश बार्डर से सटा यह हिस्सा भारत के मुर्शिदाबाद और 24 परगना के समीप है गिरोह के सदस्य सबसे पहले कचरा इकट्ठा करने के बहाने बांग्लादेश के गरीब परिवार को रैकी करते। पता लगाते उनके परिवार में कौन लड़की है। उसकी शादी हुई है या नहीं, कितनी पढ़ी है आदि। इसके बाद गिरोह का सदस्य परिवार को झूठा आश्वासन देकर लड़कियों को काम के लिए ले जाने की डील करता गिरोह द्वारा लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाने या उनसे शादी करने के बहाने भी अपने साथ ले आने की बात सामने आई है। गिरोह के सदस्यों ने पूछताछ बताया, देर तक लड़कियों को पैदल चलवाया जाता।

ड्रग्स और नशे कराने की बात सामने आई

पूछताछ में पता चला कि लड़कियों को दिन में अधिक ग्राहक के पास भेजने के लिए एजेंट कोकिन, एमडी जैसे ड्रग्स का सेवन करवाते। ये इग्स नाइजीरियन नागरिक से जुड़ी कॉल गर्ल के माध्यम से उन तक पहुंचती। वहीं कई बार उन्हें शारीरिक रूप से सुन्न करने के लिए भी दवाओं के इंजेक्शन दिए जाते।

पहले 15 दिन खुद के साथ रखता था

बांग्लादेशी लड़कियों को मामून करीब 15 दिन अपने साथ रखता। इसके बाद 70 हजार से अधिक कीमत में लड़की को नालासुपारा मुंबई में रहने वाले एजेंट को सप्लाई करता। यहां एजेंट ट्रेनिंग के दौरान लड़कियों को शारीरिक प्रताड़नाएं देते।

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