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इंदौर

पिता के सपने को पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं-सचिन तेंदुलकर

गरीब बच्चों के लिए संदलपुर में बन रहे आवासीय विद्यालय का निरीक्षण आए मास्टर ब्लास्टर, बाद में सीहोर जिले के लिए हो गए रवाना

इंदौरNov 16, 2021 / 06:47 pm

sachin trivedi

पिता के सपने को पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं-सचिन तेंदुलकर

पिता के सपने को पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं-सचिन तेंदुलकर

देवास/खातेगांव। क्रिकेट के महानायक कहे जाने वाले व मास्टर ब्लास्टर के नाम से चर्चित भारतरत्न सचिन तेंदुलकर मंगलवार को सड़क मार्ग से इंदौर से देवास जिले के खातेगांव के संदलपुर पहुंचे। क्षेत्र में कार्यरत परिवार एजुकेशन सोसाइटी का तेंदुलकर अपने ट्रस्ट के माध्यम से आवासीय विद्यालय का निर्माण करवा रहे हैं, उसी का निरीक्षण करने आए थे।
इंदौर से सड़क मार्ग से चापड़ा, बागली, पुंजापुरा, कांटाफोड़ होते हुए उनका काफिला खातेगांव पहुंचा। दरअसल, सचिन तेंदुलकर अपना एक ट्रस्ट चलाते हैं जो बच्चों की शिक्षा के लिए काम करता है। खातेगांव के निकट संदलपुर चौराहे से नेमावर रोड पर उनके ट्रस्ट के आवासीय विद्यालय का काम चल रहा है। इसी को देखने वे मंगलवार को यहां पहुंचे थे। वे यहां कुछ ही देर रूके और कार में बैठकर ही अपने फैन्स का अभिवादन स्वीकारा। सचिन की एक झलक पाने के लिए लोग बेताब दिखे। जैसे ही उनके आने की जानकारी मिली लोगों ने उनके स्वागत के लिए तिरंगा हाथ मे लेकर भारत माता की जय के नारे लगाते हुए फूल हाथों में लिए प्रशंसकों का हुजूम उमड़ा। हालांकि, सचिन कार से नहीं उतरे और कार में बैठकर ही लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान सचिन ने अपने पिता को याद किया सचिन ने कहा कि पिता चाहते थे बच्चों के लिए कुछ करें, वह आज हमारे बीच होते तो बहुत खुशी होती है उन्होंने कहा पिता का सपना था गरीब बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।इस अवसर पर क्षेत्र के विधायक आशीष शर्मा ने उनसे मुलाकात कर उनका अभिनंदन किया, सचिन के विजिट की वीडियोग्राफी भी की गई। सचिन के दौरे को लेकर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे।आवासीय विद्यालय के निर्माण का जायजा लेने व आगे की रूपरेखा को लेकर चर्चा करने के बाद वो सीहोर जिले के लिए रवाना हो गए।
धनतलाब घाट पर जाम के कारण बदला गया रूट
जिस समय तेंदुलकर का काफिला इंदौर-बैतूल हाइवे से खातेगांव की ओर जा रहा था, उसी दौरान धनतलाब घाट पर जाम की स्थिति बन गई। इसके बाद तेंदुलकर के काफिले का रूट चापड़ा से बदल दिया गया और वो बागली, पुंजापुरा, कांटाफोड़ होकर निकले। रास्ते में जगह-जगह लोग उनकी एक झलक पाने के लिए खड़े रहे।
दौरे को गोपनीय रखने के प्रयास नहीं हो सके सफल
तेंदुलकर के दौरे को गोपनीय रखने के प्रयास आयोजकों द्वारा किए जा रहे थे, हालांकि इसमें सफलता नहीं मिल सकी। हालत यह रही रूट बदलने की जानकारी भी लोगों को पहले से मिल गई और काफिला आने के पहले ही लोग चौराहों पर एकजुट होते रहे।
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