जिस समय तेंदुलकर का काफिला इंदौर-बैतूल हाइवे से खातेगांव की ओर जा रहा था, उसी दौरान धनतलाब घाट पर जाम की स्थिति बन गई। इसके बाद तेंदुलकर के काफिले का रूट चापड़ा से बदल दिया गया और वो बागली, पुंजापुरा, कांटाफोड़ होकर निकले। रास्ते में जगह-जगह लोग उनकी एक झलक पाने के लिए खड़े रहे।
तेंदुलकर के दौरे को गोपनीय रखने के प्रयास आयोजकों द्वारा किए जा रहे थे, हालांकि इसमें सफलता नहीं मिल सकी। हालत यह रही रूट बदलने की जानकारी भी लोगों को पहले से मिल गई और काफिला आने के पहले ही लोग चौराहों पर एकजुट होते रहे।