एएसआई ने किया था गुमराह
इस केस में पहला टारगेट क्राइम ब्रांच में पदस्थ रहा एक एएसआई हो सकता है। जांच टीम में शामिल रहे एएसआई पर अफसरों को गुमराह करने का आरोप है। एक बार इसी एएसआई ने ट्विंकल के परिजन को फोन कर बताया था, ट्विंकल की हत्या का खुलासा हो गया है और अगले दिन आकर मिले। परिजन अगले दिन पहुंचे तो वह नहीं मिला था। अफसरों को अन्य गलत जानकारियां भी दीं, जिस पर डीआइजी ने उसे क्राइम ब्रांच से हटा दिया था। बाद में वह किसी अन्य एजेंसी में चला गया। हाल ही में संदेह के आधार पर एएसपी ने नीलू को हिरासत में लिया तो उसने फिर गुमराह करने की कोशिश की। इसके साथ ही बाणगंगा थाने में टीआई रहे विनोद दीक्षित, तारेश सोनी के साथ ही सीएसपी अजय जैन की भूमिका भी सामने आ रही है।
बंद होना भी सबूत
पुलिस का मानना है, घटनास्थल पर मिली राख, ट्विंकल की बिछिया और रस्सी महत्वपूर्ण सबूत है। नाले में भी सर्चिंग चल रही है और वहां भी कुछ अवशेष मिलने की उम्मीद है। फारेंसिंक टीम की तलाश दांत पर है, अगर दांत मिलते हैं तो उसे आसानी से ट्विंकल का साबित किया जा सकता है। एक बात और सामने आई कि घटना के समय जगदीश के साथ ही अन्य आरोपियों ने मोबाइल बंद किए थे। जब ऑन किए तो सभी एक साथ भी थे। इससे भी उनकी योजना सामने आ रही है जो महत्वपूर्ण तकनीकी सबूत है।