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इंदौर

मार्कशीट के लिए अब नहीं लगाना होगा कॉलेजों का चक्कर, अब घर बैठे मिलेगी डिग्री

विश्वविद्यालयों की डिग्री और मार्कशीट एक ही सॉफ्टवेयर के जरिए मिल सकेगी।

इंदौरJun 18, 2020 / 08:14 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

मार्कशीट के लिए अब नहीं लगाना होगा कॉलेजों का चक्कर, अब घर बैठे मिलेगी डिग्री

मार्कशीट के लिए अब नहीं लगाना होगा कॉलेजों का चक्कर, अब घर बैठे मिलेगी डिग्री

इंदौर। प्रदेश के विश्वविद्यालयों का सिस्टम अब बदलने जा रहा है। इसके लिए राजभवन की निगरानी में नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत विद्यार्थियों की मार्कशीट और डिग्री डिजिटल होगी। पूरा काम हो जाएगा। इसका लाभ सीधा विद्यार्थियों को होगा। फर्जीवाड़ा पर भी रोक लगेगी। अगले शैक्षणिक सत्र से नई व्यवस्था लागू किए जाने की तैयारी है।

नई व्यवस्था लागू की जा रही है
विश्वविद्यालयों में वर्तमान व्यवस्था के तहत मार्कशीट और डिग्री प्रिटिंड होती है। लेकिन अब परम्परागत सिस्टम को समाप्त कर नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसी के साथ सभी विश्वविद्यालयों में डिग्री और मार्कशीट द्विभाषी होगी। हालांकि कुछ विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू है, लेकिन अब इसे सभी विश्वविद्यालयों में एक तरह की सिस्टम लागू होगा। इसके साथ अन्य बदलाव भी किए जा रहे हैं।

सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है
इसी के तहत राजभवन की निगरानी में विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसे एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रणाली नाम दिया गया है। यह सिस्टम लगभग तैयार है। राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने हाल ही में इसकी समीक्षा की। इसके तहत अब तक हुए काम-काज से वे संतुष्ट नजर आए। उन्होंने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय परीक्षा और अन्य कार्य में गोपनीनता बनाए रखें।


78 मॉड्यूल हैं इस सिस्टम में –

तैयार किए गए सॉफ्टवेयर में 78 मॉड्यूल हैं। इसमें विद्यार्थियों की मार्कशीट, डिग्री के साथ आवेदन से लेकर परीक्षा परिणाम तक की जानकारी होगी। हालांकि अभी इसका ट्रायल चल रहा है। इसको लेकर राज्यपाल के सचिव ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे ट्रायल के दौरान किसी भी कॉलम को खाली न छोड़े। यदि संबंधित डाटा उपलब्ध न हो तो उसमें काल्पनिक डाटा का एंट्री की जाए, जिससे यह पता चल सके परिणाम कैसा आ रहा है। इसका मकसद यही है कि व्यवस्था फुल-प्रूफ हो, इसलिए सभी कॉलम में जानकारी भरने को कहा गया है।

विश्वविद्यालयों से मांगे सुझाव –

राजभवन ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे इस ट्रायल वर्जन में यदि कहीं कोई दिक्कत या असुविधा नजर आती है तो इसकी जानकारी दें। विश्वविद्यालयों को यदि कोई आशंका हो तो भी शेयर कर सकते हैं। इसको और बेहतर करने के लिए वे अपने सुझाव भी दे सकते हैं। जिससे लागू करने के बाद इसमें किसी भी प्रकार की खामी न दिखे।

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