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इंदौर

शहर में है 41 वन-वे, आम जनता तो दूर पुलिस भी नहीं करती पालन

38 चौराहों पर है ट्रैफिक सिग्नल की दरकार, बल की कमी के कारण ट्रैफिक जवान

इंदौरSep 08, 2018 / 09:55 pm

प्रमोद मिश्रा

crime

शहर में है 41 वन-वे, आम जनता तो दूर पुलिस भी नहीं करती पालन

इंदौर, सिटी रिपोर्टर। अफसर भी मानते है कि शहर का ट्रैफिक मैनेजमेंट सुधारना एक बड़ी चुनौती है। कई प्रमुख मार्ग व चौराहे हमेशा ट्रैफिक जाम में उलझे रहते है। शहर में पुलिस ने सालों पहले 41 वन वे घोषित है, इन मार्गों पर एक ही ओर ट्रैफिक चल सकता है लेकिन नियमों की जानकारी नहीं होने तथा बोर्ड नहीं लगे होने से दिन भर नियम टूटते है। आम लोग तो ठीक पुलिस भी नियमों का पालन नहीं करती है।
शहर में मुख्यमंत्री के निर्देश पर ट्रैफिक जागरुकता सप्ताह चल रहा है, सप्ताह के आयोजन में इस बार भी खानापूर्ति ही चल रही है। शहर में ट्रैफिक पुलिस के अफसरों की भरमार है लेकिन चेकिंग के अलावा किसी तरह के ट्रैफिक सुधार के प्रयास नहीं हो रहे है। चौराहों पर पुलिस बल तैनात रहता है, भले ही जाम की स्थिति बनी रहे लेकिन व्यवस्था सुधार के बजाए चालान में टीम नजर आती है।
ट्रैफिक सुधार में सुधार के लिए नित नए प्रयोग किए जाते है लेकिन उनका स्थायी पालन नहीं किया जाता। शहर में सालों पहले ट्रैफिक के सुधार के लिए 41 मार्गों को वन-वे घोषित किया गया था। उद्देश्य था कि एक ओर से ही वाहन आए ताकि व्यवस्था बनी रहे। वन-वे का नोटिफिकेशन हो गया, कुछ जगहों पर बोर्ड भी लगा दिए गए लेकिन अब पालन कराने में किसी की रुचि नहीं है। दस्तावेजों में यह वन वे है लेकिन सख्ती नहीं होने तथा किसी तरह का चेतावनी बोर्ड नहीं होने से इनका पालन नहीं हो पा रहा है।
डीआईजी ऑफिस व ट्रैफिक थाने के आगे है वन-वे, पुलिस ही नहीं करती पालन
वन-वे की सूची में डीआईजी ऑफिस से लगे हुए छोटी ग्वालटोली थाने से रीगल तिराहा, एमजी रोड कोर्ट के सामने से एमटीएच की ओर वाला छोटा मार्ग भी शामिल है। पत्रिका टीम ने इन मार्गो को चेक किया तो पता चला कि आम लोग तो ठीक ट्रैफिक पुलिस व अन्य पुलिसकर्मी भी यहां वन-वे का नियम तोड़ते हुए अपने वाहन ले जाते है। कई बार तो पुलिस अफसर की जीप व बड़े वाहन भी नियम तोडऩे से गुरेज नहीं करते है। एमटीएच वाले हिस्से में कोर्ट के सामने तो वन वे का बड़ा बोर्ड भी लगा है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी व अन्य शासकीय वाहन बेधड़ यहां से निकलते है। यहीं स्थिति चिमनबाग चौराहे से जेलरोड चौराहे की है। यहां तो दिनभर बड़ी संख्या में लोग नियम तोड़ते है, इन्हें रोकने के लिए यहां पुलिस बल नहीं रहता।
यह है मुख्य वन -वे
– जिला कोर्ट से मृगनयनी तक एमजी रोड
– इमलीबाजार से राजबाड़ा
– खजूरी बाजार से गौराकुंड
– सराफा थाना से पीपलीबाजार, गौराकुंड से नरसिंह बाजार
– आड़ाबाजार से पंढरीनाथ थाना, मोतीतबेला से कलेक्टर ऑफिस
– तिलकपथ से राजबाड़ा
– राजबाड़ा से आडाबाजार
– फ्रूट मार्केट से पंढरीनाथ
– पंढरीनाथ थाने से गौतमपुर
38 मुख्य चौराहों पर है ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत
शहर के प्रमुख 38 ऐसे चौराहे है जहां पुलिस बल भी नहीं रहता और ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत है। इसमें मुख्य है बड़ा गणपति चौराहा, रामचंद्र नगर चौराहा, कालानी नगर चौराहा, नरसिंह बाजार चौराहा, साकेत नगर चौराहा, पत्रकार चौराहा, बांबे हॉस्पिटल चौराहा, सयाजी चौराहा, चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा। नगर निगम को ट्रैफिक पुलिस ने कई बार पत्र लिख दिए, पिछले दिनों अफसरों की समंवय बैठक भी हो गई लेकिन इसके बाद भी अभी काम शुरू नहीं हो पाया है।
अफसर बढ़े नहीं बदली व्यवस्था
ट्रैफिक पुलिस में अफसरों की संख्या बढ़ रही है लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं है। इस समय दो एएसपी, छह डीएसपी व कई निरीक्षक की टीम ट्रैफिक पुलिस के पास है। अफसर तो बढ़े लेकिन चौराहों पर खड़े होकर व्यवस्था सुधारने में बहुत कम की रुचि है जिसके कारण किसी भी निर्देश का पालन नहीं हो पाता है।
वन-वे पर तैनात करेंगे पुलिस बल: डीआईजी
डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र का कहना है, शहर में जितने वन-वे है उनका पालन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी की समीक्षा भी होगी और जहां जरूरत नहीं है उस सूची से निकाला भी जाएगा। जो मुख्य वन वे है वहां नियम का पालन कराने के लिए पुलिस बल तैनात होगा। ट्रैफिक सिग्नल के लिए निगम अफसरों से बात हो गई है, जल्द सिग्नल लगेंगे। जो पुलिसकर्मी नियम तोड़ते है उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती रही है, यह क्रम जारी रहेगा।

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