आसामन में बारिश के बादल नहीं…शहर के पश्चिम क्षेत्र पर जलसंकट के बादल
यशवंत सागर में सात दिन का पानी, मानसून की देरी के चलते निगम के माथे पर चिंता की लकीर
आसामन में बारिश के बादल नहीं…शहर के पश्चिम क्षेत्र पर जलसंकट के बादल
इंदौर.
मानसून की देरी के चलते आसमान में बादल तो नहीं छा रहे, लेकिन शहर के पश्चिम क्षेत्र में जलसंकट के बादल जरूर छाने लगे हैं। कारण यशंवत सागर तालाब खाली होना है। प्री-मानसून सक्रिय होने के बाद बारिश होने में देरी की वजह से नगर निगम के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी हैं, क्योंकि यशंवत सागर में ७ दिन का ही पानी बचा है। जल्दी बारिश नहीं हुई, तो कई कॉलोनी के रहवासियों को पानी की किल्लत झेलना पड़ सकती है। आधा पश्चिम क्षेत्र यशंवत सागर के भरोसे है।
इधर, बारिश न होने पर लोगों को जलसंकट न झेलना पड़े इसके प्रयास में नगर निगम लगा है। दरअसल, यशवंत सागर सहित शहर के अन्य तालाब भी सूख गए हैं, इनमें पानी कम और तल ज्यादा नजर आने लगा है। इसके साथ ही बारिश का पानी सहेजने के लिए निगम ने तालाबों का गहरीकरण करवा दिया है, जिनका कम बारिश के चलते भरना असंभव दिख रहा है। पिछले साल भी ऐसे हालात बने थे, क्योंकि बारिश कम होने से तालाब क्षमता के हिसाब से न भराए और लबालब भी नहीं हुए। इस वजह से तालाब जल्द सूख गए।
पोखर से ले रहे पानी
यशवंत सागर में पानी खत्म होने की कगार पर है। जलापूर्ति के लिए पोखरों से पानी लिया जा रहा है, जिनमें ज्यादा दिन का पानी नहीं है। इसलिए निगम के जिम्मेदार दुआ कर रहे हैं कि मानसून सक्रिय होने के साथ बारिश शुरू हो, ताकि तालाब में पानी आए।
नर्मदा और टैंकर का सहारा
पश्चिम क्षेत्र की कई कॉलोनियों में यशवंत सागर का पानी डायरेक्ट सप्लाय किया जाता है। इसके साथ ही चार टंकियां पल्हर नगर, बीएसएफ, संगम नगर और किला मैदान को नर्मदा से भी जोड़ रखा है। इसलिए यशवंत सागर से पानी न मिलने पर इन टंकियों से पानी सप्लाय होने वाली कॉलोनियों में निगम नर्मदा का पानी सप्लाय कर देगा, लेकिन डायरेक्ट सप्लाय वाली कॉलोनियों में टैंकर से आपूर्ति की जाएगी। मालूम हो कि हर साल यशवंत सागर १५ जून तक साथ देता है, क्योंकि इसके बाद बारिश शुरू हो जाती है। इस बार बारिश में देरी के चलते जलसंकट गहरा गया है। बारिश न होने से नर्मदा का पानी भी कम मिलने लगेगा और फिर शहर में पानी की किल्लत हो सकती है।