डॉ. संजय गुजराती अपने बिजी शिडयूल से वक्त चुरा कर फोटोग्राफी करते हैं। कहते हैं कि मुझे टे्रवलिंग का शौक था खासतौर से वाइल्ड लाइफ का। वहां खूबसूरत नजारे देख कर ही उन्हें कैमरे में कैद करने की इच्छा जागी और एक छोटा सा कैमरा खरीद लिया। शौक बढ़ता गया तो बाद में अच्छा कैमरा खरीदा। मुझे लैंडस्केप फोटोग्राफी करना पसंद है। जंगल के प्राणियों के फोटो भी खींचता हूं, उनके फोटो खींचने के बाद उनके बारे में पढ़ता भी हूं। मशहूर पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सालिम अली की किताबों सहित कई किताबें इस बारे में खरीदी हैं।अब फोटोग्राफी मेरे लिए यह पैशन भी है और तनाव दूर करने का जरिया भी है।
नीलेश भांगे आरआरकेट में वैज्ञानिक हैं। इन्हें एब्सट्रैक्ट फोटोग्राफी का शौक है। बताते हैं कि रंगीन कागजों के साथ एब्सट्रैक्ट फोटोग्राफी करना पसंद है। क्लोजप और माइक्रोज में भी काम करता हूं। पोर्टे्रट फोटोग्राफी की एक मैग्जीन की कांपिटीशन भी जीती है, जिसके वजह से केन्या जाने का मौका मिला। नीलेश ने बताया कि 2004 में मेरी बेटा हुई तब उसकी तस्वीरें लेने के लिए फोटोग्राफी शुरु की जो अब पैशन बन गइ है।
फोटोग्राफी में शुरू किया नया कंसेप्ट
शीतल सैनी वैसे तो बिजनेसमैन हैं पर फोटोग्राफी उन्हें मानसिक रूप से रिलेक्स करती है । वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के बाद अब उन्होंने एक नए कंसेप्ट पर काम शुरू किया है। वे नाइट फोटोग्राफी करते हैं। उन्होंने बताया कि चार- पांच मित्र फोटोग्राफर्स के साथ शहर के आसपास के जंगल में जाता हूं। हमअक्सर जामगेट पर जाते हैं। मैने लाइटिंग के कुछ उपकरण बनाए हैं। अंधेरे में उन लाइट्स के जरिए कुछ फिगर्स ड्रॉ किए जाते हैं, जिनसे कुछ अलग ही शेप उभरते हैं । यह फोटोग्राफी की एक नई विधा है। इस दौरान कभी कभी जंगली जानवरों से भी सामना हो जाता है।
श्रीकांत कलमकर मैकेनिकल इंजीनियर हैं पर पिछले १५ बरस से फोटोग्राफी कर रहे हैं। एडवेंचर और ट्रैकिंग एक्टिविटीज से जुड़े होने के कारण नई – नई जगहों पर जाने का मौक मिला और सुंदर प्राकृतिक नजारों को कैमरे में कैद करने की इच्छा ने ही फोटोग्राफर बना दिया। शौकिया फोटोग्राफर होने के बावजूद अपने आप को अपडेट रखते हैं। कई बार फोटोग्राफी की वर्कशॉप्स अटैंड करते हैं और यूट्यूब से भी सीखते हैं। कहते हैं अब फोटोग्राफी मेरी जिंदगी का हिस्सा है।