14 विदेशी जीआर्इ रजिस्ट्रेशन भी शामिल
आर्इपीआर प्रोमोशन एंड मैनेजमेंट सेल (सीआर्इपीएएम) ने मंगलवार को ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी। ट्वीट में दी गर्इ जानकारी के मुताबिक, देश में जीआर्इ रजिस्ट्रेशन ने एक आैर मील के पत्थर को पार किया है। अलग कैटेगरी के कुल 326 उत्पादों को जीआर्इ के तहत रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसमें 14 विदेशी जीआर्इ रजिस्ट्रेशन भी शामिल हैं। सीआर्इपीएएम डिपार्टमेंट आॅफ इंडस्ट्रीयल पाॅलिसी एंड प्रोमोशन का एक विभाग है।
क्या होता है जीआर्इ प्रोडक्ट
प्रमुख तौर पर जीआर्इ कृषि, प्रकृतिक आैर मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट (हस्तशिल्प या इंडस्ट्रियल गुड्स) होता है जो किसी खास भौगोलिक क्षेत्र में ही बनाया जाता या उपजाया जाता है। आमतौर पर एेसे नाम का प्रयोग बेहतर क्वालिटी आैर भिन्नता के लिए किया जाता है। यह उस खास भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर होता है जहां इसे बनाया या उपजाया जाता है।
ये हैं कुछ मशहूर जीआर्इ प्रोडक्ट्स
अगर एक बार किसी प्रोडक्ट को ये टैग मिल गया तो इसके बाद कोर्इ दूसरी कंपनी या उत्पाद इसका इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। ये टैग 10 सालों के लिए होता है जिसके बाद इसे फिर से रिन्यू कराना होता है। किसी प्रोडक्ट काे जीआर्इ टैग मिलने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि उसे कानूनी सुरक्षा के साथ-साथ निर्यात में भी मदद मिलती है। देश में कुछ सबसे मशहूर जीआर्इ प्रोडक्ट्स में बासमती राइस, दार्जलिंग टी, चंदेरी फैब्रिक, मैसूर सिल्क, कुल्लू शाॅल, कांगड़ा टी, थंजौर पेंन्टिंग्स, इलाहाबादी सुर्खा, फरूख्खाबादी प्रिन्ट्स, लखनवी जरदोज़ी आदि हैं।