इन कार्यों के लिए करता था आरटीआई दायर
गुप्ता द्वारा दायर अपील के बारे सूचना अधिकारी का कहना है कि, इन अपील की सुनवाई करने और जवाब देने में डेढ़ महीने लगेगा। पिछले कुछ सालों में गुप्ता ने दिल्ली में हो रहे अवैध कंस्ट्रक्शन और प्रॉपर्टी से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई दायर किया था। आजाद ने ये भी सवाल किया कि, कानून के तहत किस तरह से ये जानकारियां नियतनीय हैं।
सात माह में ही किया 446 अपील
इस साल फरवरी माह में ही 634 अपील को डिस्पोज किया था। हालांकि, इसके बाद के सात माह में गुप्ता ने 446 और अपील दायर कर दिया। चीफ इंफॉर्मेशन कमीशन के अनुसार, इस एप्लीकेंट द्वारा 1,800 और अन्य अपील दायर किया जा चुका हैं। जिसमें से पिछले तीन सालों में 1,234 अपील को डिस्पोज भी किया जा चुका हैं।
लोगों से पैसे वसूलने के लिए करता था आरटीआई दायर
कारपोरेशन के एक कारण बताओ नोटिस के अनुसार, गुप्ता ने इस कानून का गलत फायदा उठा रहे हैं। इसके पहले सुनवाई में ये खुलासा हुआ है कि, गुप्ता इन जानकारियों कें आधार पर आवासीय लोगों से जबरन पैसे वूसलता है। पैसे ने देने पर ये लोगों को धमकी तक देता है।