
chinese mobile ban
नई दिल्ली : 29 जून को भारत सरकार ने देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को खतरा बताते हुए 59 चायनीज ऐप्स को बैन ( 59 Chinese apps ban ) कर दिया । सरकार के इस फैसले का पूरी दुनिया में स्वागत हुआ, लेकिन इस फैसले को एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और भारतीय बाजार में चायनीज स्मार्टफोन ( chinese smartphone ) , सीसीटीवी कैमरा ( CCTV Camera ) जैसे न जाने कितने चायनीज गैजेट्स मार्केट में हैं। यही वजह है कि अब सभी के दिमाग में एक ही सवाल आ रहा है कि आखिर इन चायनीज मोबाइन फोन्स ( chinese mobile ban ) पर बैन कब लगाया जाएगा।
दरअसल यूजर्स का डेटा कलेक्ट करने की वजह से चायनीज ऐप्स को बैन किया गया है लेकिन चायनीज मोबाइल फोन Redmi, xiomi, One plus अपनी-अपनी कम्यूनिटी बनाकर यूजर्स के कांटैक्ट लिस्ट से लेकर पिक्चर्स और न जाने किस किस जगह अपनी पहुंच बना चुके हैं और हममें से कोई नहीं जानता कि कंपनियां इस डेटा को कहा यूज कर रही है। यही वजह है कि अब एक्सपर्ट्स से लेकर कंज्यूमर तक ये सवाल उठा रहे हैं कि आखिर भारत इन मोबाइल फोन्स को क्यों नहीं बंद कर रहा है।
देश के सबसे बड़े साइबर क्राइम एक्सपर्ट ( cyber crime exoert ) पवन दुग्गल का मानना है कि चायनीज ऐप्स को बैन करना एक शुरूआत है लक्ष्य नहीं क्योंकि अगर भारत अपने नागरिकों का डेटा सुरक्षित रखना चाहता है तो उसे मोबाइल फोन, सीसीटीवी कैमरा जैसे कई चायनीज प्रोडक्ट्स को बैन करना होगा ।
वहीं शहरी कंज्यूमर्स का कहना है बैन ऐप ( app ban ) करने से हमारे देश का भला नहीं होगा क्योंकि जरूरत चायना को बरबाद करने की नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण की है। कस्टमर्स का मानना है कि हमारे देश में लोग स्टार्टअप शुरू करने के लिए फंडिंग के लिए चीन की तरफ देखते हैं ( paytm इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। ) ऐसे में चीन को ऐप बैन से नहीं बल्कि हर तरह से बॉयकॉट करने और हमारे देशवासियों को चायनीज प्रोडक्ट्स का विकल्प देने से ही बात बनेंगी।
Published on:
07 Aug 2020 12:01 pm
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