scriptदिल्ली-चेन्नई, हावड़ा-मुंबई रेलमार्गों का होगा तिहरीकरण | Delhi-Chennai, Howrah-Mumbai rail routes will become triple in 5 years | Patrika News
उद्योग जगत

दिल्ली-चेन्नई, हावड़ा-मुंबई रेलमार्गों का होगा तिहरीकरण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेल नेटवर्क के विस्तार की नौ परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई

Aug 24, 2016 / 08:38 pm

जमील खान

Railway Track

Railway Track

नई दिल्ली। सरकार ने देश में रेलवे नेटवर्क मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए 24364.86 करोड़ रुपए की लागत से 1937.38 किलोमीटर लंबी रेललाइनें बिछाए जाने को बुधवार को मंजूरी दे दी जिनसे दिल्ली चेन्नई ट्रंक मार्ग तथा मुंबई हावड़ा मुख्य मार्ग का तिहरीकरण पूरा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेल नेटवर्क के विस्तार की नौ परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। ये परियोजनाएं नौ राज्यों में हैं।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार मित्तल ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि असम को छोड़ कर सभी रेल परियोजनायें मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग और दिल्ली-चेन्नई ट्रंक मार्ग के तिहरीकरण को पूरा करने वाली परियोजनाएं हैं जिन्हें पांच साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दोनों मुख्य मार्गों के कई खंडों पर पहले ही तीसरी लाइन बन चुकी है अथवा बन रही है।

मित्तल ने बताया कि वर्तमान में भारतीय रेल की क्षमता 120 लाख टन मालवहन की है तथा 2020 में रेलवे पर 150 लाख टन मालवहन की मांग को पूरा करने का जिम्मा होगा। इस तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए इन परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करना जरूरी होगा।

उन्होंने बताया कि तीसरी लाइन का निर्माण दोनों लाइनों के बगल में एक लाइन और बनने की जगह छोड़ कर किया जाएगा ताकि भविष्य में चौथी लाइन बनने का फैसला हो तो उसमें कोई दिक्कत नहीं हो और आसानी से पटरियां बिछाईं जा सकें। तीसरी लाइन पर दोनों दिशाओं के सिग्नल लगाए जाएंगे ताकि आवश्यकतानुसार उनका प्रयोग किया जा सके। इससे मौजूदा लाइनों के अनुरक्षण कार्य में भी मदद मिलेगी। मंत्रिमंडल ने दिल्ली-चेन्नई ट्रंक मार्ग पर मथुरा से झांसी और झांसी से बीना के बीच 6550.97 करोड़ रुपए की लागत से 426.37 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन बिछाने को मंजूरी दे दी।

2403 करोड़ की लागत से बनेगी तीसरी लाइन
भोपाल से बीना के बीच तीसरी लाइन बिछाने का काम पूरा होने वाला है। इटारसी से नागपुर के बीच 280 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 2882.94 करोड़ रुपए की लागत से तथा महाराष्ट्र में बल्हारशाह से तेलंगाना के काजीपेट के 201.04 किलोमीटर मार्ग पर 2403.22 करोड़ रुपए की लागत से तीसरी लाइन बनाई जाएंगी। आंध्र प्रदेश में गुडूर से विजयवाड़ा के बीच 287.67 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन बिछाने का व्यय 3875.68 करोड़ रुपए आएगा। इस प्रकार से दिल्ली-चेन्नई मार्ग का तिहरीकरण किया जाएगा। महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में नागपुर से राजनांदगांव के बीच 228.3 किलोमीटर तक 2193.53 करोड़ रुपए की लागत से तीसरी लाइन,बिलासपुर से ओडि़शा के झारसुगुड़ा के बीच 206 किलोमीटर तक 2298.31 करोड़ रुपए की लागत से चौथी लाइन तथा झारखंड में खडगपुर (नीमपुरा) और आदित्यपुर के बीच 132 किलोमीटर मार्ग पर 1483.36 करोड़ रुपए की लागत से तीसरी लाइन बिछाने को भी मंजूरी दी गई। ये लाइनें मुंबई-हावड़ा मुख्यमार्ग की क्षमता को बढ़ाएंगी।

असम में न्यू बोंगईगांव और गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन के बीच 176 किलोमीटर मार्ग पर दूसरी लाइन बिछाने को भी स्वीकृति दी गई। इस दोहरीकरण से असम में भी मालढुलाई आसान होगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं आएगी। इसके लिए बजट से अलग संस्थागत स्रोतों से धन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने इस बार आज के हिसाब से निर्माण लागत के साथ ही निर्माण पूरा होने पर की पूर्णता लागत भी निकाली गई है। इन नौ परियोजनाओं की निर्माण लागत 20867.24 करोड़ रुपए तथा पूर्णता लागत 24374.86 करोड़ रुपए होगी।

खाद्यानों का परिवहन होगा आसान
इस प्रकार मंत्रिमंडल ने करोड़ रुपए की लागत से 1937.38 किलोमीटर लाइनें बिछाकर देश में मुख्य मार्गों पर दबाव कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे गाडिय़ों की गति बढ़ाने और लेटलतीफी दूर करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। इससे मालगाडिय़ों का परिवहन भी आसान बनाया जा सकेगा। औद्योगिक खदानों, कोयला खानों, बिजलीघरों को संसाधनों की आपूर्ति की अतिरिक्त परिवहन क्षमता हासिल होगी और खाद्यान्नों का परिवहन भी आसान होगा। रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा।

53 परियोजनाओं पर आएगा 555 करोड़ का खर्चा
इस वर्ष तक रेल बजट में पहले ही दिल्ली से चेन्नई, खडग़पुर से विजयवाड़ा तथा मुंबई से कोलकाता के बीच समर्पित मालवहन गलियारे के निर्माण की पहले ही घोषणा की जा चुकी है। इस बारे में पूछे जाने पर मित्तल ने कहा कि इन गलियारों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार है जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद बनने में आठ से 10 साल का समय लगेगा क्योंकि उसमें भूमि अधिग्रहण बहुत पेचीदा मुद्दा होगा।

उनके निर्माण पर करीब तीन लाख करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। उनकी पूर्णता लागत का तो अनुमान लगाना भी मुश्किल है जबकि मौजूदा मार्ग पर तीसरी एवं चौथी लाइन बिछाने का काम पांच साल में ही पूरा हो सकता है। इस प्रकार से रेलवे की तात्कालिक आवश्यकता पूरी हो सकती है। जुलाई 2015 से अब तक 5019.11 करोड़ रुपए की 53 रेलवे विस्तार परियोजनायें स्वीकृत हो चुकीं हैं जिन पर 48555.25 करोड़ रुपए की लागत आनी है।

Home / Business / Industry / दिल्ली-चेन्नई, हावड़ा-मुंबई रेलमार्गों का होगा तिहरीकरण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो