ठेकेदार या प्राइवेट पार्टिया करती है धोखाधड़ी दरअसल दिल्ली सरकार का कहना है की उन्होंने यह कदम इसलिए उठाये है क्योंकि उन्हें लगातार इस बात की शिकायतें मिल रहीं थीं कि ठेकेदार या प्राइवेट पार्टिया नियुक्तियों को करने के लिए सरकार से तो पूरी रकम लेते थे। लेकिन कर्मचारियों को पूरी रकम नहीं दी जाती थी। इन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलो के कारण ही सरकार ने ये कदम उठाया हैं। अगर कर्मचारियों के खातों में सीधे भुगतान भी किया जाता था। तब भी किसी न किसी तरीके से ठेकेदार या प्राइवेट पार्टिया कर्मचारियों को प्रताड़ित कर तनख्वाह में से पैसे ले ही लेते थे। हम यह सब कर्मचारियों के खिलाफ हो रहे शोषण को रोकने के लिए कर रहे हैं।
इस कदम से सरकार को पहुंचेगा फायदा सरकार का इस कदम को लेकर यह भी मानना है की इस कदम से सरकार को नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा। क्योंकि दिल्ली सरकार हर साल नियुक्तियों के लिए ठेकेदारों और प्राइवेट पार्टियों को काफी पैसा और GST देती हैं। इससे सरकार को बचत होगी और कर्मचारियों को भी फायदा होगा।
परमानेंट किए जाने को लेकर यह कहा दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया की हर विभाग खुद एक लेबर वेलफेयर अधिकारी को नियुक्त करेगा। जो की यह सुनिश्चित करेगा कि विभाग में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को वेतन और पीएफ मिल रहे हैं कि नहीं। कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए लोगों को परमानेंट करने को लेकर गोपाल राय का कहना है की यह एक बहुत लंबी प्रक्रिया है। इसके बारे में विचार किया जाएगा।