तय समय से पहले हो सकता है मर्जर
इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक आइडिया-वोडाफोन के बीच होने वाले मर्जर अब और पहले हो जाएगा। मर्जर के लिए पहले से तय सितंबर 2018 की समय-सीमा घटकर मार्च-अप्रेल 2018 हो सकती है। मैनेजमेंट को उम्मीद है कि मार्च-अप्रैल 2018 तक मर्जर के लिए जरूरी सभी अप्रूवल्स मिल जाएंगे। वोडाफोन इंडिया और आइडिया के विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी हो जाएगी जिसके पास 40 करोड़ कस्टमर होंगे और रेवेन्यू मार्केट शेयर फीसदी होगा।
मार्च 2017 में मर्जर की घोषणा
वोडाफोन और आइडिया ने मार्च 2017 में दोनों कंपनियों के बीच 23 अरब डॉलर के मर्जर की घोषणा की थी। संयुक्त कंपनी में 4.9 फीसदी हिस्सेदारी आइडिया सेल्युलर के प्रमोटर्स को 3,874 करोड़ रुपए के कैश के बदले ट्रांसफर करने के बाद वोडाफोन के पास 45.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी। कुमार मंगलम बिड़ला और आइडिया ग्रुप के अन्य प्रमोटर्स के पास 26 फीसदी और बाकी की हिस्सेदारी पब्लिक के पास होगी। इसके बाद ब्रिटेन की वोडाफोन समय के साथ कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करेगी और इसके साथ ही आइडिया की हिस्सेदारी बढ़ेगी। इससे कंपनी में समान होल्डिंग की जाएगी।