इस सर्वे में 15 देशों के मध्यम और बड़े आकार के संस्थानों में 1,560 नेतृत्वकर्ताओं से बात की गई। इसमें सामने आया कि सर्वे में शामिल 77 फीसदी बिजनेस लीडर्स सहमत थे कि एआई से उनके संस्थानों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी, इसके बावजूद भारत में केवल एक तिहाई संस्थानों ने एआई का उपयोग प्रारंभ किया है। जिन कंपनियों ने एआई को अपनाया है, उन्हें 2021 तक अपनी प्रतिस्पर्धा में 2.3 गुना वृद्धि की उम्मीद है।
नए अध्ययन के परिणाम जारी करते हुए डॉ. रोहिनी ने कहा, “आज हर कंपनी एक सॉफ्टवेयर कंपनी है और हर इंटरैक्शन एक डिजिटल इंटरैक्शन बनता जा रहा है। उन्हें अपनी खुद की अद्वितीय डिजिटल क्षमताएं विकसित करनी होंगी। एआई को ना अपनाने वाले संस्थानों में प्रतिस्पर्धी फायदे खोने का जोखिम है।”
पिछले साल जिन संस्थानों ने एआई अपनाया, उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में 8 फीसदी से 22 फीसदी वृद्धि देखने को मिली। गिरीश नायक ने कहा, “हम उच्च क्वालिटी की कार डैमेज इवैल्युएशन सेवाएं प्रदान करने के लिए एआई की सामर्थ्य को पहचानते हैं। एआई में माईक्रोसॉफ्ट की विशेषज्ञता हमें यह परिवर्तन लाने में मदद कर रही है और हम सेवा की गुणवत्ता से समझौता किए बिना ग्राहकों की मांग ज्यादा तेजी से पूरी कर पा रहे हैं।”
(नोट: यह खबर न्यूज एजेंसी फीड से प्रकाशित की गई। पत्रिका बिजनेस ने इसमें हेडलाइन के अतिरिक्त कोई अन्य बदलाव नहीं किया है।)
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