प्रभावित हो सकता है हजारों करोड़ का निवेश जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की घोषणा होने के बाद देश-विदेश के कई निवेशक एयरपोर्ट के आसपास निवेश करने की इच्छा जता चुके हैं। इनमें अड़ानी ग्रुप, पतंजलि आयुर्वेद, वीवो मोबाइल, एयरटेल जैसी कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां जेवर एयरपोर्ट के अासपास हजारों करोड़ रुपए का निवेश करेंगी। अड़ानी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के आसपास पांच हजार रुपए का निवेश करने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एमओयू भी साइन कर चुका है। जबकि बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म निर्माता-निर्देशक बोनी कपूर भी जेवर एयरपोर्ट के आसपास फिल्म सिटी बनाने की इच्छा जता रहे हैं। बोनी इस फिल्म सिटी को लेकर जेवर में जमीन भी देख चुके हैं। अब यदि किसानों से जमीन नहीं मिलने की सूरत में जेवर एयरपोर्ट कहीं शिफ्ट होता है तो यह निवेश रूक सकता है।
रियल एस्टेट सेक्टर भी होगा प्रभावित जेवर एयरपोर्ट की घोषणा होने के बाद देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने एयरपोर्ट के अासपास निवेश करने की योजना बनाई है। कई बड़ी कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा में निवेश करना शुरू कर दिया है, जबकि कई कंपनियां एयरपोर्ट का काम शुरू होने पर निवेश की योजना बना रही हैं। इन कंपनियों का मकसद एयरपोर्ट बनने के बाद यहां बसने के इच्छुक लोगों को किफायती घर देने की योजना है। लेकिन एयरपोर्ट नहीं बनने के स्थिति में यह कंपनियां भी निवेश से हाथ खींच सकती हैं। इसके अलावा जेवर एयरपोर्ट नहीं बनने से ग्रेटर नोएडा, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा में भी रियल एस्टेट सेक्टर प्रभावित होगा।
ये है अड़चन दरअसल जेवर एयरपोर्ट के क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों के किसान नियमानुसार 4 गुना मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार दोगुना मुआवजा देना चाहती है। किसानों का आरोप है कि कम मुआवजा देने के लिए सरकार और यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र के गांवों को शहरी क्षेत्र घोषित कर दिया है। किसानों के कहना है कि जेवर में एयरपोर्ट बने या ना बने, लेकिन वह जमीन का चार गुना से कम मुआवजा नहीं लेंगे। आपको बता दें कि जेवर एयरपोर्ट के लिए अगले महीने से जमीन का अधिग्रहण होना है। इसी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्षेत्र के किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था।