जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने यहां एक प्रेसवार्ता में बताया कि इस पहल के तहत कंपनी पाइप एवं ट्यूब (पीएन्डटी) विनिर्माताओं के साथ मिलकर एक देशव्यापी को-ब्रांडिंग पहल शुरू करने जा रही है।
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अभ्युदय जिंदल ने कहा, “हमने अपने ग्राहकों की जरूरत को देखते हुए यह को-ब्रांडिंग योजना शुरू करने का फैसला लिया है। भारत में सालाना बिकने वाले 25 फीसदी से अधिक पाइप एवं ट्यूब (पीएंडटी) की जिंदल स्टेनलेस के नाम पर जाली ब्रांडिंग की जाती है और इनका मूल्य 1300 करोड़ रुपये से अधिक है। हम नकल के इस कारोबार पर लगाम लगाना चाहते हैं और अगले दो साल में लगातार वृद्धि दर्ज कर रहे इस पीएंडटी बाजार पर अपनी पकड़ बढ़ाना चाहते हैं।”
कंपनी को लगातार मिल रही थी शिकायत
उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत फिलहाल देश में 60 भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिंदल स्टेनलेस ने एक मानकीकृत सील तैयार की है जिस पर एमओयू भागीदार और जिंदल स्टेनलेस के चिन्ह, स्टेनलेस स्टील का ग्रेड और एमओयू नंबर होगा। जिंदल स्टेनलेस के नाम पर बाजार में नकली उत्पाद बिकने के मामले को लेकर कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले दो साल से कंपनी को इसकी शिकायत मिल रही थी और बीते एक महीने में नौ मामले सामने आए हैं और इनमें से कुछ मामले अदालत में विचाराधीन हैं।
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अभ्युदय जिंदल ने कहा कि इस पहल के बाद कंपनी के नाम पर नकली उत्पाद बेचने पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि आगे भी अगर व्यापारिक छाप के उल्लंघन का कोई मामला सामने आएगा तो वह उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाएंगे। कंपनी ने एक बयान में बताया कि पीएंडटी कारोबार में जिंदल स्टेनलेस की मौजूदा बाजार हिस्सेदारी 44 फीसदी है और इससे कंपनी को सालाना 2,300 करोड़ रुपये की आय अर्जित होती है।
जिंदल स्टेनलेस ने अगले दो साल इस क्षेत्र में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर 52 फीसदी करते हुए 3,400 करोड़ रुपये तक की सालाना आय हासिल करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने बताया कि उद्योग के एक आकलन के अनुसार, देश में सजावटी पीएंड टी का मौजूदा बाजार करीब 5300 करोड़ रुपये का है और यह सालाना 12 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
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