कंपनी पर लगे ये आरोप
रिपोर्ट में इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए कहा कि कंपनी ही नहीं बल्कि इसके एग्जीक्यूटिव से माइन मैनेजर तक, सब इस बात को जानते थे। इतना ही नहींं बल्कि नहीं साइंटिस्ट, डॉक्टर और यहां तक की कंपनी के वकील को भी इस बात की पूरी जानकारी थी। ये सब जानने के बावजूद भी कंपनी प्रोडक्ट बेच रही है। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि 1971 से 2000 के बीच कई बार कंपनी के रॉ पाउडर और बेबी पाउडर की टेस्टिंग हुई और हर बार एस्बेस्टस होने की पुष्टि हुई।रिपोर्ट में तो यह भी कहा गया है कि कंपनी की तरफ से अमेरिकी रेगुलेटर्स पर दवाब भी बनाया गया। दवाब इसलिए बनाया गया क्योंकि वह एस्बेस्टस की मात्रा को लिमिटेड करना चाहते थे, कंपनी अपनी तरफ से दवाब बनाने में काफी हद तक कामयाब भी रही। आपको बता दें कि रॉयटर्स ने अपनी ये रिपोर्ट कई दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद तैयार की है।
कंपनी ने खारिज किए आरोप
तो वहीं दूसरी तरफ कंपनी ने इन आरोपों को पूरी तरीके से गलत बताया है।मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कंपनी का कहना है कि रॉयटर्स की ये रिपोर्ट एक तरफा और पूरी तरीके से झूठी है। कंपनी का बेबी पाउडर पूरी तरह से सुरक्षित है। बेबी पाउडर ने हमेशा हर टेस्टिंग को पास किया है। कई संस्थानों की तरह से कई बार हजारों टेस्ट्स कराए गए हैं, हर बार कंपनी ने टेस्ट्स पास किए हैं। कभी भी पाउडर में एस्बेस्टस होने की बात सामने नहीं आई है। ये सब कंपनी को बदनाम करने की साजिश हैं।
कंपनी को झेलना पड़ा भारी नुकसान
रॉयटर्स की ये रिपोर्ट आने के बाद कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।शुक्रवार को शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों में 10 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। 2002 के बाद कंपनी के शेयर्स में ये सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। 2002 में कंपनी के शेयर्स में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। उस समय कंपनी की एक पूर्व कर्मचारी ने कंपनी पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था।