घरेलू स्तर पर मांग बढ़ाने की जरूरत : उद्योग संगठन
भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ ने कहा कि यह इसका सबूत है कि बाजार में मांग में लगातार गिरावट आ रही है
Petition against inflation
नई दिल्ली। थोक महंगाई दर लगातार 15वें महीने ऋणात्मक रहने पर उद्योग संगठनों का कहना है कि घरेलू स्तर पर मांग बढ़ाने और ब्याज दरों में कटौती करने की जरूरत है। थोक मुद्रास्फीति की दर के पिछले कई महीने से ऋणात्मक रहने पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) ने कहा कि यह इसका सबूत है कि बाजार में मांग में लगातार गिरावट आ रही है। सरकार को आगामी आम बजट में घरेलू स्तर पर मांग बढ़ाने के उपाय करने चाहिए।
मांग घटने का असर विनिर्माण उद्योग पर भी पड़ रहा है और रोजगार के अवसर घट रहे हैं। भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल (एसौचेम) ने कहा है कि थोक मुद्रास्फीति में गिरावट कच्चा तेल के दाम गिरने, वैश्विक स्तर पर मांग घटने और निर्यात में कमी के कारण आई है। संगठन का मानना है कि महंगाई अब नियंत्रण में है, इसलिए सरकार को घरेलू स्तर पर मांग बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज दरों में कमी करने के बारे में विचार करना चाहिए। इससे बाजार में नकदी बढ़ेगी और मांग में इजाफा होगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर लगातार 15 वें महीने शून्य से नीचे 0.90 प्रतिशत ऋणात्मक रही है।
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