scriptअब वित्तीय संकट में फंसी सरकारी हेलिकॉप्टर कंपनी पवनहंस, अप्रैल में नहीं मिलेगी कर्मचारियों को सैलरी | Now pawan hans faces financial stress says will not pay april salary | Patrika News
कारोबार

अब वित्तीय संकट में फंसी सरकारी हेलिकॉप्टर कंपनी पवनहंस, अप्रैल में नहीं मिलेगी कर्मचारियों को सैलरी

वित्त वर्ष 2018-19 में पवनहंस लिमिटेड को हुआ 89 करोड़ रुपए का घाटा।
125 करोड़ रुपए खर्च कर कंपनी ने बनाई हेलिपोर्ट, इससे एक रुपए की भी नहीं हुई कमाई।
कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए फंड जुटाने में लगी कंपनी।

नई दिल्लीApr 28, 2019 / 12:05 pm

Ashutosh Verma

Pawan Hans

अब वित्तीय संकट में फंसी सरकारी हेलिकॉप्टर कंपनी पवनहंस, अप्रैल में नहीं मिलेगी कर्मचारियों को सैलरी

नई दिल्ली। बीते एक दशक में देश की दो बड़ी विमान कंपनियों को बंद करना पड़ा है। किंगफिशर ( Kingfisher ) और जेट एयरवेज ( Jet Airways ) के बाद अब सरकारी क्षेत्र की पवनहंस ( Pawan Hans Limited ) हेलिकॉप्टर कंपनी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जेट एयरवेज की तरह ही पवनहंस लिमिटेड ( PHL ) की हालत इतनी खराब हो गई है कंपनी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं है। कंपनी ने हाल ही में दिए अपने बयान में कहा है कि उसे वित्त वर्ष 2018-19 में करीब 89 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। इस घाटे और कंपनी पर करोड़ों रुपए के कर्ज के चलते कंपनी अब कर्मचारियों को सैलरी तक देने की स्थिति में नहीं है।

यह भी पढ़ें – विदेशी निवेशकों का भारत में बढ़ रहा भरोसा, अप्रैल में की 17,219 करोड़ रुपए की खरीदारी

पिछले साल ही कंपनी को बेचने की कोशिश में थी सरकार

गौरतलब है कि पिछले साल ही सरकार अपने विनिवेश ( disinvestment ) प्रोग्राम के तहत पवनहंस को बेचने की कोशिश की थी। गत दिसंबर 2018 में ही एअर इंडिया ( air india ) के साथ-साथ पवनहंस की भी स्टेक बेचने के लिए सरकार प्रयास में थी। 46 हेलिकॉप्टर की फ्लीट वाली पवनहंस में सरकार की 51 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं, सरकारी तेल कंपनी ओएनजीसी की 49 फीसदी की हिस्सेदारी है। ओएनजीसी ( ONGC ) ने पवनहंस में अतिरिक्त स्टेक खरीदने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। एसबीआई कैपिटल सरकार को बिडिंग प्रक्रिया के लिए सलाह दे रही थी। अब कंपनी पर इस वित्तीय संकट के बाद कर्मचारियों को अपने जीवनयापन व जरूरी खर्चों की चिंता सताने लगी है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर कंपनी की पॉलिसी गलत रही तो इसमें उनकी क्या गलती है।? कंपनी डूबने की स्थित में उनका क्या होगा?

यह भी पढ़ें – लोकसभा चुनाव 2019 चौथा चरण: 158 गंभीर अपराधी, 306 करोड़पति, कुछ ऐसे उम्मीदवारों को डालेंगे वोट

माली हालत खराब होने के पीछे क्या है वजह

कंपनी की माली हालत खराब होने के पीछे कुछ जानकारों का कहना है कि पवनहंस ने करीब 125 करोड़ रुपए लगाकर दिल्ली में रोहिणी हेलिपोर्ट बनाने के लिए खर्च किया था। शुरुआती दिनों में तो यह हेलिपोर्ट अच्छा चला, लेकिन बाद में उसे बंद कर दिया गया। इस हेलिपोर्ट से कंपनी को एक रुपए की कमाई नहीं हो सकी। अब कंपनी खुद को कंगाल होने से बचने के लिए कॉस्ट कटिंग पर जोर दे रही है। कॉस्ट कटिंग के तहत कर्मचारियों को अब ओवरटाइम का पैसा नहीं दिया जा रहा। कंपनी ने कहा है कि ऐसा देखने में आया है कि जो कर्मचारी ओवरटाइम करते हैं, वे अपने वास्तविक ड्यूटी टाइम में लापरवाही बरतते हैं। कंपनी ने केवल टेक्निकल स्टाफ को ही ओवरटाइम करने की अनुमति दी है।

यह भी पढ़ें – खत्म हो जाएगा डीजल कारों का दौर, लेकिन मारुति बनी रहेगी नंबर वन, एक्सपर्ट्स का दावा

सैलरी देने के लिए फंड जुटाने में लगी कंपनी

कंपनी ने कर्मचारियों को अप्रैल माह में सैलरी स्थगित करने के बारे में एक सर्कुलर जारी करते हुए जानकारी दी है। कंपनी ने अपने सर्कुलर में साफ कर दिया है कि चूंकि कंपनी घाटे से जूझ रही है, इसलिए अप्रैल माह की सैलरी रोकी गई है। कंपनी पर 230 करोड़ रुपए के अतिरिक्त अन्या देनदारियां भी हैं। कंपनी की प्रबंधकों को इस बात का डर है कि आने वाले दिनों में कंपनी की हालत और भी खराब हो सकती है। हालांकि, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि वो फंड जुटाने का प्रयास कर रही है ताकि कर्मचारियों की बाकी सैलरी को दिया जा सके।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्‍ट्री, अर्थव्‍यवस्‍था, कॉर्पोरेट, म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.

Home / Business / अब वित्तीय संकट में फंसी सरकारी हेलिकॉप्टर कंपनी पवनहंस, अप्रैल में नहीं मिलेगी कर्मचारियों को सैलरी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो