इन चार कारणों से गिरी वाहनों की बिक्री क्रिसिल का कहना है कि यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट के चार प्रमुख कारण रहे हैं। ये हैं – ईंधन की कीमतों में तेज बढ़ोतरी, ब्याज दर का बढ़ना, बीमा प्रीमियम का बढ़ना और कंपनियों का नए मॉडल लॉन्च नहीं करना। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत तेजी से बढ़ी और यह क्रम अक्टूबर के मध्य तक जारी रहा। इस दौरान तेल विपणन कंपनियों ने देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी वृद्धि की। हालांकि, इसके बाद 14 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 28 फीसदी की गिरावट आई है, लेकिन इसका पूरा फायदा घरेलू ग्राहकों को नहीं मिला है तथा पेट्रोल मात्र 10 फीसदी सस्ता हुआ है। ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण वाहन मालिकों के लिए वाहन रखना महंगा हो गया है।
दो साल में मात्र एक नया मॉडल लॉन्च ब्याज दरों में बढ़ोतरी को भी एक कारक बताया गया है। एक तरफ वाहन निर्माता कंपनियों की ओर से वाहनों की कीमत बढ़ाने और दूसरी तरफ ब्याज दरों में 0.25 फीसदी तक की वृद्धि से फाइनेंस पर वाहन लेने वालों पर मासिक किस्त का बोझ बढ़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार, नए मॉडलों की कमी से बाजार में ग्राहक धारणा कमजोर है। वित्त वर्ष 2016-2017 में जहां चार बड़े नए मॉडल लॉन्च किए गए, वहीं 2017-2018 और 2018-19 में मात्र एक-एक बड़ा मॉडल लॉन्च हुआ। नए मॉडलों की बजाय पिछले एक साल में बाजार में पुराने मॉडलों के नए अवतारों की भरमार रही है।