80 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंची कच्चे तेल की कीमतें कर्नाटक चुनाव के समय अप्रैल में कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चल रही थीं। तब मोदी सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों को अप्रत्यक्ष रूप से पट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने से मना कर दिया था। इस बीच कच्चे तेल के दामों में बढ़ोत्तरी होने लगी। इससे सरकारी तेल कंपनियों का मार्जिन का हो गया था। अब फिर से तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने की छूट मिल गई है। तभी से कंपनियां रोजाना दामों में बढ़ोत्तरी कर रही हैं। इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल के पार चल रही हैं। इससे तेल कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ रहा है। माना जा रहा है कि जब तक तेल कंपनियों का मार्जिन अप्रैल के स्तर पर नहीं आ जाएगा, तब तक पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी होती रहेगी।
90 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं पेट्रोल के दाम इस समय दिल्ली में पेट्रोल के दाम 75 रुपए के करीब पहुंच गए हैं। पेट्रोल के दामों में रोजाना बढ़ोत्तरी हो रही है। फिलहाल कच्चे तेल की ऊंची कीमतों को देखते हुए बढ़ोत्तरी का सिलसिला थमने की संभावना नहीं दिख रही है। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकारी तेल कंपनियां अपना मार्जिन बरकरार रखने तक कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी रखेंगी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों और कंपनियों के मार्जिन को ध्यान में रखा जाए तो आने वाले दिनों में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए प्रति लीटर तक भी पहुंच सकती हैं।
दिल्ली में आठ दिनों में एेसे बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम