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बड़ा खुलासा, दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क नौकरी देने के मामले रहा फिसड्डी, करीब तीन लाख भर्तियां रिक्त

रेलवे विगत वर्षो में नौकरियां देने में विफल रहा है, जबकि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से रिक्तियां बढ़ती गईं। आंकड़ों पर गौर करें तो नवंबर 2018 तक रेलवे में ग्रुप-सी और डी के 2,66,790 पद रिक्त थे।

Jan 21, 2019 / 09:10 am

Saurabh Sharma

Indian Railway

बड़ा खुलासा, दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क नौकरी देने के मामले रहा फिसड्डी, करीब तीन लाख भर्तियां रिक्त

नर्इ दिल्ली। भारतीय रेलवे को दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क माना जाता है। एेसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां पर नौकरियां सबसे ज्यादा हैं। साथ ही सबसे ज्यादा लोग इस रेल नेटवर्क में काम करते हैं। लेकिन पिछले दस सालों में नौकरियां देने के मामले में भारतीय रेल नेटवर्क सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हुआ है। आंकड़ों के अनुसार रेलवे में मौजूदा समय में करीब तीन लाख नौकरियां रिक्त पड़ी हुर्इ हैं। पिछले 10 सालों में रेलवे में जितने लोग रिटायर हुए उसके मुकाबले में नौकरियाें पर नहीं रखा गया है। आरटीआर्इ में कर्इ बातों का खुलासा हुआ है। आइए आपको भी बताते हैं…

रेलवे विगत वर्षो में नौकरियां देने में विफल रहा है, जबकि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से रिक्तियां बढ़ती गईं। आंकड़ों पर गौर करें तो नवंबर 2018 तक रेलवे में ग्रुप-सी और डी के 2,66,790 पद रिक्त थे। वर्ष 2016-17 के दौरान रेलवे में कुल 13,08,323 कर्मचारी कार्यरत थे। इससे पहले 2008-09 में रेलवे में कर्मचारियों की कुल संख्या 13,86,011 थी। इस प्रकार हर साल जितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए, उसके मुकाबले नई भर्तियां कम हुईं।

गौरलतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए अलग से विधेयक पारित किया है। सरकार ने यह कदम हाल ही में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पराजय के बाद उठाया है, क्योंकि आगे इस साल लोकसभा चुनाव है।

लिहाजा, विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है। मौजूदा सरकार रोजगार सृजन में विफल रही है और देश में बेरोजगारों की तादाद साल दर साल बढ़ती जा रही है। इसलिए रोजगार देश की प्राथमिकता और प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया है।

क्या सरकार ने सरकारी पदों की मौजूदा रिक्तियां भरने की दिशा में अपेक्षित कोशिश की है? दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता प्रतिष्ठान भारतीय रेल भी नौकरियां देने में विफल रहा है।

सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी से जो जवाब मिला है, वह चौंकाने वाला है। वर्ष 2008 से लेकर 2018 तक एक भी साल ऐसा नहीं रहा, जब रेलवे के जितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए, उससे अधिक नई भर्तियां हुईं हों। इसलिए रेलवे में रिक्त पदों की संख्या करीब तीन लाख हो गई है।

सेवानिवृत्त कर्मचारियों और नई भर्तियों के आंकड़े इस प्रकार हैं
– वर्ष 2007-08 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 42,149 और नई भर्तियों के आंकड़े अनुपलब्ध।
– वर्ष 2008-09 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 40,290 और नई भर्तियां 13,870
– वर्ष 2009-10 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 41,372 और नई भर्तियां 11,825
– वर्ष 2010-11 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 43,251 और नई भर्तियां 5,913
– वर्ष 2011-12 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 44,360 और नई भर्तियां 23,292
– वर्ष 2012-13 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 68,728 और नई भर्तियां 28,467
– वर्ष 2013-14 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 60,728 और नई भर्तियां 31,805
– वर्ष 2014-15 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 59,960 और नई भर्तियां 15,191
– वर्ष 2015-16 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 53,654 और नई भर्तियां 27,995
– वर्ष 2016-17 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या 58,373 और नई भर्तियां 19,587
– वर्ष 2017-18 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या के आंकड़े अनुपलब्ध और नई भर्तियां 19,100

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