बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में अधिकतर कंपनिया इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर सेक्टर्स की हैं। मंगलवार को इस खबर के आने के बाद वीजा स्टील का शेयर 1.24 फीसदी गिरकर 19.09 रुपए पर आ गया। वहीं विडियोकॉन का शेयर 3 फीसदी गिरकर 18.35 रुपए पर आ गया। पिछले तीन महीने में विडियोकॉन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 60 फीसदी तक कम हो चुका है।
एक पब्लिक सेक्टर के बैंक के वरिष्ठ अधिकारी से बात करने पर उन्होने बताया कि, सभी बैंको को एक अलग लिस्ट मिला हैं जिसमें डिफॅाल्टर्स के नाम है। हालांकि कर्ज की पूरा आंकड़ा अभी तक कुछ साफ नहीं है लेकिन नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) मे इन कर्जों से एक तिहाई और अधिक बढ़त के अनुमान हैं। मौजूदा समय में बैंको का करीब 7.7 लाख करोड़ रुपए का कर्ज एनपीए के रूप में हैं जो कि पूरे कर्ज का 9.3 फीसदी हैं। जेएसपीएल ने कहा है कि, हम अटकलों पर ध्यान नहीं देते। इस मामले में कर्ज 3000 करोड़ से 5000 करोड़ रुपए तक का है।
आरबीआई के फॉर्मर डिप्टी गर्वनर ने कहा कि, किसी को यह सोचना नही चाहिए कि कंपनियों की पहल लिस्ट तक ही समस्या थी, उनके आगे भी समस्या है। उन्होने आगे कहा कि, पहली लिस्ट जारी होने के समय ही कंपनियों और बैंको को मामले सुलझाने के लिए कदम उठाने चाहिए थे। चूंकि समस्या दूर करने के कदम खुद नहीं उठाये जा रहे है, लिहाजा लीगल प्रॉसेस के तहत काम जारी करना ही होगा। जून में आरबीआई की इंटरनल एडवाइजरी कमिटी ने कॉर्पोरेट बॉरोअर्स के 12 अकाउंट्स इंसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के तहत इंसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स के लिए चुने थे।
आपको बता दें कि आरबीआई ने जिन 12 बड़े एनपीए अकाउंट पर कार्रवाई शुरू करने को कहा था उसमें से लैंको इंफ्रा पर आईडीबीआई बैंक ने कार्रवाई शुरू कर दिया हैं। लैंको इंफ्रा सहित अन्य सहयोगी बैंको के करीब 18 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, जो कंपनी नहीं चुका पा रही है। यह कार्रवाई इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड के तहत की जा रही हैं।