यहां है टेम्पररी रेगुलेटर
आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छतीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में अभी तक टेम्परी रेगुलेटर हैं।
बिल्डर्स उठा रहे हैं फायदा
इंटरिम रेग्युलेटर होने की वजह से बिल्डर्स अपने प्रोजेकट्स का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, लेकिन उससे पहले रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं। अथॉरिटी भी बिना जांचे-परखे रजिस्ट्रेशन कर रही है।
दिक्कत जस की तस
रियल एस्टेट एक्सपर्ट मुकेश कुमार झा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाती रही है। अब सरकार बदलने के बाद बायर्स को उम्मीद थी कि माहौल बदलेगा, लेकिन अब तक रेगुलेटरी अथॉरिटी नहीं बनने की वजह से बायर्स को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। उल्टे रेरा में शिकायत करने पर बायर्स से भी 1000 रुपया लिया जा रहा है, लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे लाखों होम बायर्स में निराशा है।