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इन राज्यों में रेरा नहीं बनी रेगूलेटरी अथॉरिटी, टूटा होम बायर्स का सपना

अब तक केवल 4 राज्यों और 2 केंद्र शासित राज्यों में ही रेगुलेटरी अथॉरिटी ने काम करना शुरू किया है।

नई दिल्लीSep 13, 2017 / 10:34 am

manish ranjan

RERA

नई दिल्ली। रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट यानी रेरा कानून लाने को लेकर केंद्र सरकार ने जो गंभीरता दिखाई उसका असर राज्यों पर नहीं दिख रहा है। करीब डेढ़ महीने से भी अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अब तक केवल 4 राज्यों और 2 केंद्र शासित राज्यों में ही रेगुलेटरी अथॉरिटी ने काम करना शुरू किया है। वहीं, यूपी, हरियाणा सहित 20 से अधिक राज्यों में अब तक अंतरिम रेग्युलेटर्स से काम चलाया जा रहा है। शेष राज्यों में अब तक रुल्स नोटिफाई नहीं हो पाए हैं। रेगुलेटरी अथॉरिटी न होने के कारण जहां बिल्डर्स इसका फायदा उठा रहे हैं, वहीं बायर्स की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में बॉयर्स के लिए संशय की स्थिति है कि वो क्या करें। हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय के मुताबिक, अब तक महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात और पंजाब में ही रेगुलेटरी अथॉरिटी बन पाई हैं। जबकि दो केंद्र शासित राज्य दादर नागर हवेली और दमन दीव में भी रेगुलेटर काम कर रहे हैं। यहां प्रोजेक्ट्स के रजिस्ट्रेशन का काम नियमित रूप से शुरू हो गया है।


यहां है टेम्पररी रेगुलेटर

आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छतीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में अभी तक टेम्परी रेगुलेटर हैं।


बिल्डर्स उठा रहे हैं फायदा

इंटरिम रेग्युलेटर होने की वजह से बिल्डर्स अपने प्रोजेकट्स का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, लेकिन उससे पहले रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं। अथॉरिटी भी बिना जांचे-परखे रजिस्ट्रेशन कर रही है।


दिक्कत जस की तस

रियल एस्टेट एक्सपर्ट मुकेश कुमार झा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाती रही है। अब सरकार बदलने के बाद बायर्स को उम्मीद थी कि माहौल बदलेगा, लेकिन अब तक रेगुलेटरी अथॉरिटी नहीं बनने की वजह से बायर्स को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। उल्टे रेरा में शिकायत करने पर बायर्स से भी 1000 रुपया लिया जा रहा है, लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे लाखों होम बायर्स में निराशा है।

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