सबसे पहले जानते हैं इस देश के और एशिया के अमीर शख्स यानी की मुकेश आंबनी के गुरु के बारे में। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी आज भारत के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक हैं। यही कारण है कि आज वो भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में पहले पायदान पर हैं। लेकिन आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की वो कभी बिजनेसमैन बनना ही नहीं चाहता थे। मुकेश अंबानी बचपन से ही शिक्षक बनने का सपना देखतेथे। लेकिन पिता धीरूभार्इ अंबानी के बोलने के बाद वो बिजनेस में आ गये। मुकेश आंबनी ने बिजनेस के सारे तौर-तरीके अपने पिता से ही सीखे हैं। ये बात वो अपने कई इंटरव्यू भी बता चुके हैं। वो उन्हें ही अपना गुरु मानते हैं।
बिल गेट्स जिन्होंने एक बार अपनी टीचर से कहा था कि मैं 30 वर्ष कि उम्र में करोडपति बनकर दिखाऊंगा और 31 वर्ष में वह अरबपति बन गये। बिल गेट्स मानते है की वो ही शख्स सफल बन सकता हैं जे मेहनत करना जानता हैं। कैसी भी परिस्थियां चाहे जैसी भी हो कभी हार नहीं माननी चाहिए। इस बात को बिल गेट्स ने अपनी लिखी किताब द रोड अहेड में भी कहा हैं। वो मेहनत और कठिन परिश्रम को ही अपना गुरु मानते हैं।
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जिनका नाम दुनिया के सबसे अमीर लोगों में सुमार हैं। उन्होंने कंप्यूटर पर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग बनाना अपने पिता से सिखा । वह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को लेकर इतने उत्साहित थे की उन्होंने उस उम्र में ही ZuckNet नामक सॉफ्टवेयर बनाया था जिससे उनके परिवार के लोग जैसे पिता के दन्त चिकित्सालय में उपयोग किया जाता था । उनके घर में भी एक कंप्यूटर से दुसरे कमरे के कंप्यूटर पर बातचीत या कुछ भी सूचित करने के लिए उनका सॉफ्टवेयर उपयोग में लाया जाता था ।
वॉरेन बफे जिन्हें स्टॉक मार्केट का जादूगर, ओमाहा के ओरेकल के नाम से जाना जाता हैं। उन्हें सफल बनाने में सबसे बड़ा हाथ उनके पिता का हैं। वॉरेन बफे ने के पिता एक स्टॉक ब्रोकर थे और वॉरेन बफे शायद इसी कारण स्टॉक मार्केट और बिज़नस के बारे में बचपन से ही बहुत रूचि लेने लगे, वॉरेन बफे ने 6 वर्ष की छोटी उम्र में भी बिज़नस करना समझ आने लगा और उन्होंने 6 वर्ष की छोटी उम्र में बिज़नस करना शुरू भी कर दिया, जब एक किराने की दुकान से कोको कोला की कुछ बोतलें खरीदी और उसको कुछ लाभ के साथ दुसरो को बेचा।